सरकार की पॉलिसी का दिखा असर, केवल 3 साल में बिक गई 80% इलेक्ट्रिक गाड़ियां
Chandigarh Electric Vehicle Policy: एक दशक पहले तक चंडीगढ़ में एक भी इलेक्ट्रिक गाड़ी नहीं बिकी. हालांकि, 24 फरवरी तक यहां 5,356 इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन दर्ज किए गए हैं. इनमें से 80% का रजिस्ट्रेशन पिछले तीन सालों में हुआ है.
Electric Vehicles in Chandigarh: पेट्रोल-डीजल की कीमतों और पर्यावरण को देखते हुए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को एक बेहतरीन विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. भारत में भी लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को काफी पसंद कर रहे हैं. ईवी भले ही शुरुआती दौर में है, लेकिन सरकार लगातार इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. आज हम आपको एक ऐसे शहर के बारे में बताएंगे जहां कुल रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक गाड़ियों में से 80 फीसदी का रजिस्ट्रेशन महज तीन सालों में हुआ है. जी हां, वो शहर कोई और नहीं बल्कि चंडीगढ़ है.
देश में सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति गाड़ी की ओनरशिप चंडीगढ़ में है. एक दशक पहले तक यहां किसी ने इलेक्ट्रिक गाड़ी नहीं खरीदी. हालांकि, 24 फरवरी 2023 के रिकॉर्ड के अनुसार कुल ईवी रजिस्ट्रेशन 5,356 निकला. चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 80 फीसदी का रजिस्ट्रेशन पिछले तीन सालों में हुआ है. वहीं, 50 फीसदी ईवी की खरीदारी तो 2022 में हुई है.
कोराना से घटी ईवी डिमांड
2017 के अंत तक चंडीगढ़ में केवल 26 इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. ये आंकड़ा 2018 में करीब 10 गुना बढ़कर 213 पर पहुंच गया. 2019 के अंत में चंडीगढ़ में रजिस्टर होने वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या 506 तक पहुंच गई. हालांकि, 2020 में कोरोनावायरस ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया.
इस फैसले से बढ़ी बिक्री
महामारी के दौरान केवल 369 इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ. चंडीगढ़ में जिस फैसले ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को नई ऊंचाई दी वो 2021 में आया. उस साल स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (STA) ने सभी नॉन-इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगा दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि 2020 में 369 ईवी की तुलना में 2021 में लगभग डबल 734 ईवी की बिक्री हुई. इसमें सबसे बड़ा योगदान इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर का था.
EV Policy से बढ़ी बिक्री
थ्री-व्हीलर एक ऐसा सेगमेंट है जहां पब्लिक हो या कमर्शियल सभी में सबसे ज्यादा बिक्री है. शहर में ये सबसे सस्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर देखा जाता है. पिछले साल जारी की गई चंडीगढ़ ईवी पॉलिसी से भी बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है. 2021 में 734 ईवी के मुकाबले 2022 में 2,718 ईवी का रजिस्ट्रेशन हुआ. ईवी पॉलिसी के तहत 3,000 रुपए से 2 लाख रुपए तक की सब्सिडी का ऐलान किया गया था.