चीन को छोड़कर भारत आ रही है Volkswagen, ऐसे मचाएगी धमाल
फॉक्सवैगन ग्रुप की भारत 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में Taigun SUV और Virtus Sedan जैसे नए मॉडल लॉन्च करके अपने लाइनअप को दोबारा बदल दिया है.
चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अरनो एंटलिट्ज के अनुसार, Volkswagen Group भारत पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि भारत ग्रोथ की कैपेसिटी प्रदान करता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटलिट्ज ने एक इंटरव्यू में कथित तौर पर कहा कि वो अपना फोकस भारत में ज्यादा मजबूत पोजिशन बनाए रखने पर कर रहे हैं. फॉक्सवैगन ग्रुप की भारत 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में Taigun SUV और Virtus Sedan जैसे नए मॉडल लॉन्च करके अपने लाइनअप को दोबारा बदल दिया है. ऑटोमेकर के भारत में अपनी पहचान बढ़ाने के लिए पहले की गई सभी कोशिशें निराशाजनक रही हैं. लेकिन अब कंपनी भारत पर अपना ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही है.
Volkswagen Group भारत पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा
- रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है और यूक्रेन पर आक्रमण के बाद एशिया की दिग्गज कंपनी रूस का सपोर्ट कर रही है, भारत का बड़ा संभावित बाजार एक बार फिर कंपनी का ध्यान अपनी तरफ कर रहा है. एंटलिट्ज को रिपोर्ट के अनुसार कहा गया था कि फॉक्सवैगन ग्रुप यूरोप और चीन में एक मजबूत प्लेयर बने रहना चाहता है.
- बढ़ते Geopolitical तनाव और एक तेजी से कॉम्प्लैक्स रेग्यूलेटरी वातावरण के सामने, वाहन निर्माता ग्रोथ कैपेसिटी वाले बाजारों के लिए अमेरिका से परे देख रहा है.
- भारत की जनसंख्या ने पिछले साल के अंत में चीन की जनसंख्या को पार कर लिया, और 30 साल से कम आयु की आधी आबादी के साथ, इसमें आने वाले सालों में दुनिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग मेजर इकोनॉमी बनने की कैपेसिटी है.
- भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट को पब्लिकली इतनी अच्छी ग्रोथ देखने को नही मिली. हाई अपफ्रंट प्रोडक्शन कॉस्ट निर्माताओं को परेशान कर रही है और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी कंज्यूमर्स को परेशान कर रही है लेकिन कम कॉस्ट वाली बैटरी से चलने वाली एसयूवी की मांग बढ़ रही है. भारतीय कार निर्माता अब खुद को बाजार में चाइनीज और साउथ कोरियाई निर्माताओं के साथ मुकाबला कर रहे हैं.
फॉक्सवैगन ने कहा था कि वह भारत के महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड से पांच नए इलेक्ट्रिक सपोर्ट यूटिलिटी वाहनों के लिए एक कंपोनेंट सप्लाई करने की डील के साथ आगे बढ़ रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वोक्सवैगन ने यह भी कहा था कि वह भारतीय बाजार को और ज्यादा इलेक्ट्रिफाई करने के लिए एक साथ काम करने के तरीकों का पता लगाना चाहता था.