खत्म होगा ‘भरोसे का संकट’? Adani ने लौटाया SBI का 1500 करोड़ का कर्ज
अडानी ग्रुप को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से 'भरोसे के संकट' का सामना करना पड़ रहा है. गौतम अडानी का समूह इसके लिए कई कदम उठा रहा है. अब खबर है कि समूह ने अपनी एक फ्लैगशिप कंपनी का 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है.
‘भरोसे के संकट’ का सामना कर रहे अडानी समूह (Adani Group) ने एक बड़ा कदम उठाया है, ताकि समूह की कंपनियों पर निवेशकों का विश्वास फिर से कायम हो सके. समूह ने अपनी एक फ्लैगशिप कंपनी पर बकाया 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे लोगों के बीच भरोसा कायम होगा और शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स की हालत थोड़ी बेहतर होगी.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप की चुनौतियां लगातार बनी हुई हैं. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर भारी कर्ज होने की बात कही गई थी. साथ ही कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस में कोताही, अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयरों के भाव मैन्युपुलेट करने का भी आरोप लगाया गया था. इससे समूह की कंपनियों को लेकर शेयर बाजार में ‘भरोसे का संकट’ (Trust Deficit) देखा जा रहा है.
अडानी पोर्ट का बकाया कर्ज चुकाया
अडानी समूह ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (APSEZ) का 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है. इसी के साथ कंपनी ने आने वाले दिनों में और कर्ज चुकाने का वादा भी किया है. कंपनी के इस कदम को समूह की ओर से निवेशकों का भरोसा कायम करने की नजर से देखा जा रहा है.
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि एपीएसईजेड ने एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Funds) का 1,500 करोड़ रुपये का बकाया सोमवार को चुका दिया. वहीं आने वाले मार्च में कंपनी कर्ज भुगतान की योजना के मुताबिक 1,000 करोड़ रुपये और चुकाएगी. अडानी पोर्ट ने एसबीआई म्यूचुअल फंड को इस कर्ज का पेमेंट नकदी और बिजनेस ऑपरेशंस से मिली राशि से किया है.
अडानी पोर्ट ने 8 फरवरी को ऐलान किया था कि वह एक साल के अंदर 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुका देगी. इसकी शुरुआत वह अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से करेगी.
अडानी की भरोसा बहाल करने की कोशिश
अडानी समूह लगातार निवेशकों के बीच भरोसा बहाल करने की कोशिश कर रहा है. एसबीआई म्यूचुअल फंड्स का पैसा लौटाने से पहले समूह ने क्रेडिट सुइस, जेपी मॉर्गन, जेएम फाइनेंस जैसी अन्य कंपनियों का करीब 8,000 करोड़ रुपये का लोन भी समय से पहले चुका दिया था. अडानी समूह पर सितंबर 2022 में कुल कर्ज 2.26 लाख करोड़ रुपये था. जबकि उसके पास महज 31,646 करोड़ रुपये की नकदी थी.
इसके अलावा समूह ने Kekst CNC के साथ साझेदारी की है, जो उसके लिए ग्लोबल लेवल पर कम्युनिकेशन एडवाइजर का काम करेगी. वहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उसकी छवि चमकाने में मदद करेगी. इसके अलावा समूह हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है. इसके लिए उसने अमेरिका की लॉ फर्म वॉचेल, लिप्टन, रोजेन और काट्ज के साथ समझौता किया है. ये वहीं फर्म है जिसने एलन मस्क के पीछे हटने पर ट्विटर की ओर से केस लड़ा था.
(भाषा के इनपुट के साथ)