Adani Group Loan: कितना बड़ा है कर्ज का दर्द, अंबानी, अडानी से लेकर इन दिग्गजों को भी नहीं मिल रहा मर्ज
टाटा ग्रुप से लेकर रिलायंस, वेदांता ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, बजाज जैसे ग्रुप कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं, लेकिन इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता हाल में तो नहीं दिखाई दे रहा है. आइए देश के बड़े कारोबारी ग्रुप्स के बारे में बात करते हैं, जिनपर काफी मोटा कर्ज है.
कर्ज का दर्द कितना बड़ा होता है यह उन लोगों से पुछिये जिन्हें इस चिंता में नींद नहीं आती हैं. गौतम अडानी से पुछिये जिसे चुकाने के लिए उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स को होल्ड पर डाल दिया है. उसके बाद भी कोई हल मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा. टाटा ग्रुप से लेकर रिलायंस, वेदांता ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, बजाज जैसे ग्रुप कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं, लेकिन इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता हाल में तो नहीं दिखाई दे रहा है. आइए देश के बड़े कारोबारी ग्रुप्स के बारे में बात करते हैं, जिनपर काफी मोटा कर्ज है…
टाटा ग्रुप कम नहीं है कर्ज
नमक बनाने से लेकर हवाई चलाने तक का कारोबार करने वाला टाटा ग्रुप कर्ज के बोझ के नीचे ना हो, ऐसा सोचना भी नामुमकिन है. वैसे ग्रुप ने अपने कर्ज को काफी कम करने का प्रयास किया है. टाटा ग्रुप पर सितंबर 2022 तक 2.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, जबकि मार्च 2020 में ग्रुप 3.62 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था. करीब ढाई सालों में टाटा ग्रुप ने अपने कर्ज को कम करने में काफी मेहनत की है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर फिर से चढ़ गया कर्ज
साल 2020 में रिलायंस ने अपने आपको डेट फ्री घोषित कर दिया था, लेकिन देश की सबसे बड़ी कंपनी चलाने वाले मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार को काफी फैला लिया है. जिसकी वजह से कर्ज में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. सितंबर 2022 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 3.16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. जिसमें से 2.64 लाख करोड़ रुपये का कर्ज एक साल में बढ़ा है. वैसे रिलायंस के पास 1.43 लाख करोड़ रुपये का कैश रिजर्व भी है, ऐसे में कंपनी का नेट कर्ज लगभग 1.73 लाख करोड़ ही रह जाता है.
अडानी ग्रुप पर 24.1 बिलियन डॉलर का कर्ज
अडानी ग्रुप और गौतम अडानी के लिए साल 2023 किसी बुरे सपने की तरह साबित हो रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप ठीक से उबर नहीं पाया है. निवेशकों का विश्वास खो रहे अडानी ग्रुप ने अपने कर्जों को कम करने का प्लान बनाया है. ताकि घर और देश के बाहर के निवेशकों के भरोसे को जीता जा सके. आंकड़ों के अनुसार अडानी ग्रुप पर 30 सितंबर 2022 तक 24.1 बिलियन डॉलर का कर्ज बताया गया है, वैसे कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा समय में उनका कुल कर्ज 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा है.
वेदांता ग्रुप भी फंस गया कर्ज के जाल में
वहीं दूसरी ओर अनिल अग्रवाल का वेदांता ग्रुप भी कर्ज के जाल में फंसा हुआ दिखाई दे रहा है. खबरें ऐसी भी हैं कि कर्ज को कम करने के लिए अनिल अग्रवाल जिंक कंपनी के शेयरों को बेचने की बात सोची है, लेकिन सरकार ने इसपर अड़ंगा डाल दिया है. हाल ही में वेदांता ग्रुप के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने किसी इंटरनेशनल मीडिया को बातचीत में बताया था कि मौजूदा समय में उनकीर 13 बिलियन डॉलर से कम कर्ज है. जिसे चुकाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा और ग्रुप दोबारा से डेट फ्री हो जाएगा.
आदित्य बिड़ला ग्रुप पर कर्ज ना हो ऐसा हो नहीं सकता
जी हां, वोडाफोन आइडिया के को-ऑनर आदित्य बिड़ला ग्रुप भी नाक तक कर्ज में है. समूह पर कुल 1.9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. इस कर्ज में एक मोटा हिस्सा टेलीकॉम कंपनी का भी है. देश के बड़े ग्रुप में शुमार आदित्य बिड़ला ग्रुप के लिए टेलीकॉम सेक्टर नासूर बनता जा रहा है. इससे ग्रुप को कभी फायदा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ है.
महिंद्रा ग्रुप भी है कर्जदार
आनंद महिंद्रा की लीडरशिप में महिंद्रा ग्रुप ने आसमान ही छुआ. कर्ज के बारे में कोई बात ही नहीं होती है. वैसे ग्रुप पर भी कर्ज कम नहीं है. बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के पूरा होते ही ग्रुप पर 83,200 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज था.