यस बैंक के साथ मिलकर अनिल अंबानी ने बनाया ये धांसू प्लान, अब कैश में नहीं होगा काम
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने आरबीआई के ई-रुपया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके प्रीमियम कलेक्शन को चालू करने के लिए यस बैंक के साथ पार्टनरशिप की है. यह पार्टनरशिप देश में नई पेमेंट रेवेल्यूशन को जन्म देगा.
भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जब से ई-रूपी को लांच किया है, तब से लोगों में इसको लेकर काफी उत्सुकता है. अब अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और यस बैंक ने पेमेंट तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है. रिलायंस जनरल इंश्योरेंस देश की ऐसी पहली कंपनी बन गई है जो ई-रूपी में इंश्योरेंस प्रीमियम ले रही है. अनिल अंबानी की कंपनी ने इसके लिए यस बैंक से पार्टनरशिप की है. आइए आपको भी बताते हैं आखिर देश की इस नई पेमेंट क्रांति से पेमेंट ट्रांजेक्शन में किस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा.
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भुगतान का नया तरीका कैसे काम करेगा?
किसी भी बैंक के साथ एक्टिव ई-वॉलेट वाले कस्टमर इंस्टैंट पेमेंट करने के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के ई-रुपया क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं. कंपनी के मुताबिक, पेमेंट के इस तरीका का मकसद कस्टमर्स को आसान, सिक्योर, इंस्टेंट और ग्रीन पेमेंट सॉल्यूशन अवेलेबल कराना है. प्रीमियम पेमेंट के लिए ई-रुपया एक्सेप्ट कर, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस अपने कसटमर्स को रिस्की ट्रांजेक्शन से बचाव कर रहा है. साथ ही सिक्योर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रहा है.
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इन बैंकों से हुई थी शुरुआत
भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फस्र्ट बैंक सहित चार प्रमुख लेंडर्स की पार्टनरशिप के साथ एक क्लोज यूजर्स ग्रुप में रिटेल डिजिटल रुपया प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था. रिटेल डिजिटल रुपये की शुरुआत 1 दिसंबर, 2022 को मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में की गई थी. बाद में इसे दूसरे शहरों में एक्सपैंड की गई. जरूरत के मुताबिक ज्यादा बैंकों, यूजर्स और शहरों को शामिल करने के लिए दायरे को धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है.
लीगल टेंडर की तरह करता है काम
ई-रूपी एक डिजिटल टोकन है जो एक बैंकनोट यानी लीगल टेंडर के बराबर है, और आरबीआई की सॉवरेन करेंसी है. डिजिटल होने की वजह से ई-रूपी फिजिकल कैश रखने जैसी सभी समस्याओं को दूर करता है. बैंक नोट की तरह से सभी जगह काम आता है. ई-रुपये ट्रांजेक्शन आरबीआई-रेगुलेटिड यूनिट के माध्यम से होते हैं. यह बैंकनोट से संबंधित रिस्क जैसे मनी लॉन्ड्रिग को कम करता है.