नरक की तरह थे कमरे, हाथ-पैर बांधकर पीटते थे डॉक्टर… भागलपुर के नशा मुक्ति केंद्र की ‘हॉरर स्टोरी’

नरक की तरह थे कमरे, हाथ-पैर बांधकर पीटते थे डॉक्टर… भागलपुर के नशा मुक्ति केंद्र की ‘हॉरर स्टोरी’

बिहार के भागलपुर में अवैध नशा मुक्ति केंद्र में एक मरीज की मौत के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. नशा मुक्ति केंद्र से रेस्क्यू किए गए मरीजों ने बताया है कि अंदर उनके साथ कैसा सलूक किया जाता था.

बिहार के भागलपुर में एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत के बाद ऐसा खुलासा हुआ जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. नशा मुक्ति केंद्र मरीजों के लिए बिल्कुल नरक की तरह था. धरती पर भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर यहां हैवान बन जाते थे. फिर शुरू होता था बैरक के अंदर बेरहमी से पिटाई का सिलसिला. पिटाई ऐसी कि एक को अपनी जान तक गंवानी पड़ी. यह पूरी वारदात शहर के बीचो-बीच इशाकचक थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्र हुई है.

शहर के एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र में नशे की लत छुड़ाने के नाम पर मरीजों को भर्ती किया जाता था और उसके बाद डॉक्टर और उनके सहायक उन लोगों की बहुत ही बेरहमी से पीटते थे. नशा मुक्ति के इस खौफनाक तरीके में एक शख्स की जान चली गई है. मृतक अमरेश मधेपुरा का रहने वाला था और उसे शराब पीने की लत थी. भागलपुर शहर के दक्षिणी क्षेत्र के मिरजानहाट रोड स्थित बुढ़िया काली मंदिर के पास चल रहे अवैध नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और कर्मियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया.

कुछ दिन पहले ही अमरेश के परिजनों ने उसे यहां पर भर्ती किया था. लोगों ने मरीज अमरेश के हाथों को पीठ की तरफ बांध दिया और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और फिर तेज आवाज में गाना बजाकर जमकर पिटाई की. पिटाई से उसकी मौत हो गई. जब डॉक्टर ने देखा तो घबराकर उसे तुरंत सदर हॉस्पिटल ले गए. अमरेश की मौत की खबर उसके परिजनों की दी गई जिसके बाद उसकी पत्नी नशा मुक्ति केंद्र पहुंची और संचालक समेत सभी पर पति की हत्या करने का आरोप लगाया.

खाना भी नहीं मिलता था…

घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ धनंजय कुमार और सिटी डीएसपी अजय चौधरी ने नशा मुक्ति केंद्र से 20 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया है. पुलिस ने इन लोगों को नशा मुक्ति केंद्र से बाहर निकाला और उनके परिजनों को सौंप दिया. इसी दौरान मरीज ने पुलिस के सामने नशा मुक्ति केंद्र में दी जा रही प्रताड़ना की कहानी सुनाई तो रोंगटे खड़े हो गए. एक बैरक जैसे कमरे की ओर इशारा करते हुए मरीज ने कहा कि इसी कमरे में हम लोगों को बंद करके रखा जाता था. खाने के लिए भी नहीं मिलता था. सिर्फ भूंजा खाकर हम लोग दिन भर रहते थे. संचालक व इंचार्ज हंटर से हम लोगों की पिटाई करते हैं, उन लोगों ने अपने शरीर पर चोट के कई निशान भी दिखाए.

जेल से भी बदतर हालात

मरीज ने बताया कि यहां जेल से भी बदतर हालात हैं. मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार होता है. एक मरीज ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र के अंदर जब डॉक्टर उन्हें पीटते थे तो उस वक्त कमरे के अंदर बहुत तेज म्यूजिक बजाया जाता था. पिटाई से पहले संचालक तेज आवाज में म्यूजिक बजा देता था ताकि चिल्लाने की आवाज बाहर तक न पहुंचे. मरीज अखिलेश कुमार ने बताया कि मधेपुरा से आए मरीज अमरेश की रविवार को डॉक्टर ने जमकर पिटाई की गई थी. उसे पीटने में संचालक डॉक्टर सुमित कुमार के साथ इंचार्ज सौरव कुमार व सुमित का छोटा भाई छोटू शामिल था. उन लोगों ने मरीज के दोनों हाथ पीठ की तरफ बांध दिए और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया फिर तेज आवाज में म्यूजिक बजा दिया और बारी-बारी से तीनों ने उसकी जमकर पिटाई की. जिस दिन से मधेपुरा का मरीज आया था उसी दिन से उसकी पिटाई की जा रही थी यह नजारा हम लोग बैरक से देखते थे.

नशा मुक्ति संचालक पर केस

घटना के बाद पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र का मुआयना किया और अब केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है, सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है. पुलिस के साथ-साथ एसडीएम भी अपने स्तर से जांच कर रहे हैं. मामले में सिटी डीएसपी अजय चौधरी ने विधि सम्मत कार्रवाई की बात कही है. वहीं घटनास्थल पर पहुंचे कार्यपालक दंडाधिकारी सदर चंदन कुमार ने लोगों से अपील की है कि आप लोग सरकार के द्वारा रजिस्टर्ड नशा मुक्ति केंद्र में ही अपने बच्चों या परिजनों को भेजें ताकि ऐसी बर्बरता की कोई गुंजाइश न रहे.

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

मामले को लेकर भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने कहा कि निजी नशा मुक्ति केंद्र में यह घटना हुई है मृतक के परिजनों द्वारा हत्या का मुकदमा चार लोगों पर दर्ज किया गया है हम लोगों ने जांच की शुरुआत कर दी है दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.