बिहार: घर-घर ऊर्जा पहुंचाने में महिलाएं निभा रहीं दमदार भूमिका… बिजेंद्र प्रसाद यादव

बिहार: घर-घर ऊर्जा पहुंचाने में महिलाएं निभा रहीं दमदार भूमिका… बिजेंद्र प्रसाद यादव

बिहार के ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि घर-घर तक ऊर्जा पहुंचाने में महिलाएं दमदार भूमिका निभा रहीं हैं. रोशनी की मशाल थामकर पूरे बिहार को रोशन करने में जुटी हुई हैं. प्रदेश में विकास पताका आज महिलाओं के हाथ में है.

बिहार के ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का कहना है- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला सशक्तिकरण के संकल्प असर दिखा रहा है. उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि आज राज्य में विकास पताका महिलाओं के हाथ में है. महिलाएं हर क्षेत्र में मुकाम हासिल कर रही हैं.आत्मविश्वास से खुद के साथ-साथ राज्य और देश का भविष्य गढ़ रही हैं. ऊर्जा के क्षेत्र में उनकी उत्साहजनक सक्रियता इस बात की तस्दीक कर रही है कि बिहार सुरक्षित हाथों में निरंतर रोशनी की ओर बढ़ रहा है.

बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि एक समय था जब चौतरफा अंधकार में डूबे प्रदेश में महिलाएं अपने घरों की दहलीज से निकलने से पहले हजार बार सोचती थीं. आज चाहे बिजली के उत्पादन का क्षेत्र हो या फिर संचरण एवं वितरण का, महिलाएं बिजली से जुड़ी सभी क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.

चार ग्रिड का दारोमदार महिलाओं के हाथ में

बिजली का क्षेत्र महिलाओं के लिए एक मुश्किल क्षेत्र माना जाता रहा है. अमूमन महिलाएं इस क्षेत्र में आने से गुरेज करती रही हैं. लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाएं इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाने में सफल रही हैं. वे सिर्फ दफ्तरों में ही बैठकर काम नहीं कर रही हैं बल्कि फील्ड में भी अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही हैं.

पटना का करबिगहिया ग्रिड ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की कुशलता और समर्पण की कहानी बयां कर रहा है. यह ग्रिड पूरी तरह महिलाओं की कार्यकुशलता को समर्पित है. इस ग्रिड को पूरी तरह से महिलाओं ने ही संभाल रखा है. इसका सफल संचालन महिला शक्ति के माध्यम से किया जा रहा है. इसी तरह करबिगहिया ग्रिड सब-स्टेशन, दीघा ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन भी महिलाकर्मियों की तरफ से किया जा रहा है.

महिलाओं की क्षमताओं का कुशल इस्तेमाल करने के लिए वर्ष 2024 में महिला दिवस के अवसर पर तीन अन्य ग्रिड चंदौती, सबौर और दीघा को भी महिला ग्रिड का संचालन शुरू किया गया था. महिलाएं सिर्फ ग्रिड ही नहीं संभाल रही, बल्कि किसी भी ग्रिड स्टेशन में आने वाली खराबियों की पड़ताल के लिए बनाई गई सेंट्रल रिले एंड इंस्ट्रूमेंट लेबोरेटरी में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. इतना ही नहीं, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) में भी रात-रात भर जागकर काम कर रही हैं.

राजस्व संग्रह में महिलाओं की भूमिका

उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण (रिवेन्यू कलेक्शन) के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी अभूतपूर्व है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों वितरण कंपनियों की तरफ से कुल 15 हजार 109 रुपये का संग्रहण हुआ था. इस कार्य में पुरुषों के साथ-साथ महिला कर्मचारी भी सक्रिय थीं. इसी तरह स्मार्ट प्रीपेड मीटर के इंस्टॉलेशन में महिला कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. चाहे डोर-टू-डोर संग्रहण की बात हो, स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना हो या फिर सुविधा ऐप के माध्यम से उपभोक्ताओं को जागरूक करने की बात हो—महिलाएं हर मोर्चे को मजबूती से संभाल रही हैं.

महिलाओं के लिए है अनुकूल माहौल

उन्होंने कहा कि यह ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं को काम करने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे अनुकूल माहौल का ही नतीजा है कि वे अपनी पूरी क्षमता के अनुसार बेहतर कार्य कर रही हैं. इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए उन्हें वितरण कंपनियों के माध्यम से निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है. कार्यस्थल पर उनकी हर जरूरत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. उनके लिए क्रेच तक की व्यवस्था की गई है, जहां वे अपने बच्चों को सुरक्षित छोड़कर कार्यालय में बेफिक्र होकर अपने कार्य को अंजाम दे सकती हैं.

कार्यस्थल पर उनकी थकान दूर करने के लिए ‘विथिका’ की स्थापना की गई है, जहां वे आराम कर सकती हैं और खुद को ऊर्जा से भर सकती हैं. महिलाकर्मियों के शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक विकास का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. एक ओर उनके लिए खासतौर पर खेलों का आयोजन किया जाता है तो दूसरी ओर उनके लिए आर्ट गैलरी और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है. अपनी रुचि के मुताबिक महिलाकर्मी खेलकूद की गतिविधियों में भाग लेती हैं और आर्ट गैलरी व लाइब्रेरी का लाभ उठाती हैं.

महिलाओं की सुरक्षा पर खास ख्याल

उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाकर्मियों के लिए सुरक्षित माहौल का होना अत्यंत आवश्यक है. भयमुक्त वातावरण के बिना महिलाकर्मियों के स्तर से स्वाभाविक गति से कार्य करने की परिकल्पना नहीं की जा सकती. कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट (POSH) ऑफ वुमेन’ नामक विशेष समिति गठित की गई है. यह समिति अपने कार्यों के माध्यम से महिलाओं में आत्मसुरक्षा की भावना का विकास करती है और उन्हें यौन हमलों की पहचान करने व सही जगह पर शिकायत दर्ज कराने के लिए शिक्षित एवं प्रशिक्षित करती है, ताकि हमलावर के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो सके.

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