गोरक्षा के नाम पर हत्या, बिलकिस बानो केस पर और मुखर हो सकती थी कांग्रेस, थरूर की सलाह
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी को कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिलकिस बानो केस, गिरिजाघर और गोरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं पर पार्टी और मुखर हो सकती थी. उन्होंने कहा कि हमें समावेशी भारत के पक्ष में अपने वैचारिक रुख को लेकर पूरी तरह स्पष्ट होना होगा.
रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अपनी पार्टी में विचाराधारा को लेकर पूरी तरह स्पष्टता होने की पैरवी करते हुए शनिवार को कहा कि कांग्रेस बिल्कीस बानो, गिरजाघरों पर हमलों और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं जैसे विषयों पर और मुखर हो सकती थी. उन्होंने पार्टी के 85वें महाधिवेशन में यह टिप्पणी की. थरूर ने अधिवेशन में कहा, हमें समावेशी भारत के पक्ष में अपने वैचारिक रुख को लेकर पूरी तरह स्पष्ट होना होगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर का कहना था, अपने संकल्प को लेकर हमारे अंदर साहस होना चाहिए. हम बिल्कीस बानो के मामले, गिरजाघरों पर हमले और गौरक्षा के नाम पर हत्याओं जैसे मामलों पर और अधिक मुखर हो सकते थे. अगर हम इन मुद्दों पर नहीं बोलते हैं तो हम भारत की विविधता और बहुलता के प्रति अपनी बुनियादी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं. थरूर ने कहा, भारत सबका है.
ये भी पढ़ें: मोदी-अडानी एकसरकार के मंत्री बचाने में लगे, राहुल ने कहा- RSS-BJP वाले सत्ताग्रही
जबतक कांग्रेस लड़ाई लड़ेगा, भारत का भविष्य उज्जवल रहेगा
शशि थरूर ने कहा कि चीन के संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर संसद को विश्वास में लेना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा, यहां एक संदेश देते हैं कि कांग्रेस जोड़ो. भारत का भविष्य तक तब उज्ज्वल रहेगा जब तक कांग्रेस लड़ाई लड़ती रहेगी.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, “हम अंदर बिलकिस बानो, ईसाई चर्चों पर हमले, गोरक्षा के नाम पर हत्या, मुस्लिम घरों के बुलडोजर चलाने और इसी तरह के मुद्दों पर अधिक मुखर हो सकते थे, हम इन मुद्दों पर बोलने की साहस होनी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को मजबूत करने के लिए सभी कोशिशें की जाने चाहिए और पार्टी के हाल ही में समाप्त अभियान राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की “सफलता” की सराहना की.
बीजेपी-आरएसएस ने सभी संस्थानों पर कब्जा किया- सोनिया
अवैध निर्माणों और कथित अतिक्रमणों से निपटने के लिए पार्टी की “विध्वंस कार्रवाई नीति” को भड़काकर देश भर में कथित रूप से धार्मिक तनाव पैदा करने के लिए कांग्रेस बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहा है. पार्टी की पूर्व अध्यक्ष नेता सोनिया गांधी ने भी अपने संबोधन में समाज में नफरत को हवा देने के लिए बीदेपी की खिंचाई की. उन्होंने दावा किया कि यह कांग्रेस और पूरे देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण चरण है, और आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस ने सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है.
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी की फिसली जुबान, बोले- सत्याग्रह का मतलब सत्ता का रास्ता कभी मत छोड़ो
(भाषा इनपुट)