अच्छे हिंदू बनने के 4 योग…जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर की हिंदू धर्म पर बात, बताए ये नियम

अच्छे हिंदू बनने के 4 योग…जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर की हिंदू धर्म पर बात, बताए ये नियम

जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में आज यानी कि रविवार को कांग्रेस सांसद और लेखक शशि थरूर पहुंचे. यहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बातें रखी. यहां थरूर ने बताया कि आप कैसे किन चार तरीकों से अच्छे हिंदू बन सकते हैं.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुरुवार से जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल शुरू हो चुका है. यह फेस्टिवल तीन फरवरी तक चलने वाला है. इसमें देश और दुनिया के जाने माने साहित्यकार और नेता शामिल हो रहे हैं. इस बीच रविवार (2 फरवरी) को कांग्रेस नेता और लेखक शशि थरूर भी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे थे. यहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बातें रखी. यहां थरूर ने बताया कि आप कैसे किन चार योग (तरीकों) से अच्छे हिंदू बन सकते हैं.

शशि थरूर ने बताया कि एक अच्छे हिंदू होने के चार मार्ग हैं, ज्ञान योग, भक्ति योग, राज योग और कर्म योग. शशि थरूर ने बताया कि ज्ञान योग की व्याख्या करते हुए कहा कि यह अध्ययन और ज्ञान के माध्यम से आध्यात्मिकता को समझने का तरीका है. भक्ति योग अधिकतर लोग अपनाते हैं. भक्ति योग का अर्थ है श्रद्धा और प्रेम के माध्यम से ईश्वर की आराधना करना भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ में लीन रहना.

राज योग पर बोलते हुए थरूर ने कहा कि यह आत्मविश्लेषण, ध्यान और आंतरिक सत्य की खोज का मार्ग है. कर्म योग को मानवता की सेवा के रूप में परिभाषित किया और महात्मा गांधी को इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया.

हिंदू धर्म की विशेषता सहिष्णुता में- थरूर

थरूर ने समझाया कि हिंदू धर्म की विशेषता उसकी विविधता और सहिष्णुता में है न कि कट्टरता में. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू धर्म में किसी को जबरन धर्म बदलने या एकमात्र सत्य का दावा करने की कोई जगह नहीं है.

थरूर ने कहा कि कुछ लोग कुछ ऐसा करते हैं जिसका हिंदू धर्म से कोई लेना देना ही नहीं है. कुछ लोग टीमों में काम करते हैं, और समर्थन न करने पर मारने पीटने की बात करते हैं. वह हिंदुत्व नहीं है. ऐसा करने के बाद भी कुछ लोग दुर्भाग्य से हिंदू होने का दावा करते हैं.

समाज और धर्म जबरदस्ती का नाम नहीं

सांसद शशि थरूर ने कहा कि समाज और धर्म मान्यताओं को जबरदस्ती थोपने का नाम नहीं है. समाज प्यार से चलता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म में जबरन नारे लगाने या हिंसा करने की कोई जगह नहीं है. ऐसा करने वाले पूरे समाज को बदनाम करने का काम करते हैं.