Covid 19 के मरीजों को दिल की इस खतरनाक बीमारी का रिस्क! ये लक्षण दिखते हो जाएं सावधान

Covid 19 के मरीजों को दिल की इस खतरनाक बीमारी का रिस्क! ये लक्षण दिखते हो जाएं सावधान

Covid 19: कोरोना के गंभीर संक्रमण से पीड़ित लोगों को दिल की एक और खतरनाक बीमारी होने का रिस्क है. एक शोध में इसका दावा किया गया है.

यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक शोध में सामने आया है कि कोविड 19 के गंभीर संक्रमण से जूझ रहे लोगों को 6 महीने के भीतर 16 गुणा ज्यादा वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया होने की संभावना होती है. कोरोना के गंभीर मरीजों को मेकेनिकल वेंटिलेशन की जरूरत ज्यादा होती है. बता दें कि ये रिसर्च यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की साइंटिफिक में प्रेजेंट की गई थी. बहरहाल, दिल की इस अजीबो-गरीब बीमारी के बारे में शायद आपने भी पहली बार सुना हो.

दरअसल, ये हार्ट रिदम की समस्या है, जो दिल के लोअर चैंबर में होती है. मेडिकल की भाषा में इसे वी-टैक या वीटी भी कहा जाता है. इस कंडीशन में दिल एक मिनट में 100 या उससे ज्यादा बार धड़कता है. कभी-कभी कार्डियक अरेस्ट आने का खतरा भी हो सकता है.

9 महीने तक निगरानी में रखा

इस रिसर्च के लिए 28,463 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से स्वीडिश आईसीयू में मेकेनिकल वेंटिलेशन पर गंभीर कोरोना संक्रमण के 3,023 मरीज भी शामिल थे. रिसर्च में शामिल लोगों की औसमत उम्र 62 साल के आसपास थी. इन लोगों में 30 फीसदी महिलाएं थीं. स्टडी में शामिल लोगों की 9 महीने तक निगरानी की गई.

दूसरी दिल की बीमारियों का खतरा

शोधकर्ताओं ने पाया कि गंभीर कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों ​​​​में एट्रियल फाइब्रिलेशन का 13 गुणा, दूसरे टेकीएरिथमियास का 14 गुणा और पेसमेकर इम्प्लांटेशन का 9 गुणा जोखिम ज्यादा था. शोध के दौरान रोगियों की आयु, लिंग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई ब्लड लिपिड औरक्रोनिक किडनी रोग के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक स्थिति का विश्लेषण भी किया गया.

क्या है वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया के लक्षण

वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया के दौरान रोगियों में आमतौर पर देखे जाने वाले लक्षण हैं- सीने में दर्द, चक्कर आना, धड़कन, हल्कापन और सांस की तकलीफ. आमतौर पर वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया 30 सेकंड तक रहता है लेकिन गंभीर स्थिति में रोगी होश खो सकता है यानी उसे बेहोशी आ सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं, मरीज कोकार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है. कोरोना के मरीजों को अपनी हार्ट बीट को चेक करते रहना चाहिए. वहीं, किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.