मोटे पैसे वाले बैंक खातों पर सरकार की नजर, नहीं कराया है KYC तो हो जाएं सावधान

मोटे पैसे वाले बैंक खातों पर सरकार की नजर, नहीं कराया है KYC तो हो जाएं सावधान

बैंक एडमिनिस्ट्रेशन में सुधार और इंपवेस्टर सेफ्टी बढ़ाने के लिए सरकार बैंकिंग रेगुनेशसन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन पर भी काम कर रही है.

केंद्र सरकार और बैंकिंग रेगूलेटरी बॉडी ऐसे मोटे पैसों वाले अकाउंट्स पर पैनी नजर गढ़ाए हुए है, जिनकी केवाईसी डिअेल अपडेट नहीं हुई है. इसका उद्देश्य ऐसे अकाउंट्स से जुड़े किसी भी तरीके के रिस्क को आईडेंटीफाई करना है. ऐसे में हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स के अलावा ट्रस्ट, एसोसिएशन, सोसाइटी और क्लब, कुछ संस्थाओं पर नज़र रखी जा रही है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि कुछ अकाउंट्स से ट्रांजेक्शंस की जांच के बाद यह मुद्दा उठाया गया था और यह पाया गया कि उनका केवाईसी अपडेट नहीं किया गया है.

जून तक पूरा करना होगा केवाईसी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को जून 2023 तक एक्टिव अकाउंट्स वाले सभी ग्राहकों के लिए रेकरिंग बेस पर केवाईसी अपडेट करने का काम पूरा करने का निर्देश दिया है. सीनियर बैंक ऑफिशियल के अनुसार आरबीआई ने कोविड-19 के कारण मार्च 2022 तक नॉन-केवाईसी अकाउंट्स को फ्रीज करने से लेंडर्स को रोक दिया था. हालांकि, इनमें से कुछ अकाउंट्स बार-बार अनुरोध करने के बाद भी अपने केवाईसी को अपडेट नहीं कर रहे हैं.

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बैंक मांगेगे आरबीआई से स्पष्टीकरण

दूसरे बैंक अधिकारी की मानें तो यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि लेंडर इन अकाउंट्स को आंशिक रूप से अपने दम पर फ्रीज कर सकते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि अब हम आरबीआई से इस विषय पर स्पष्टीकरण मांगेंगे और क्या बैंकों के पास ऐसे खातों को फ्रीज करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित पॉलिसी हो सकती है जहां केवाईसी अपडेट पेंडिंग हैं.

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‘रिस्क बेस्ड’ केवाईसी

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024 के बजट भाषण में सुझाव दिया था कि मौजूदा ‘वन साइज फिट ऑल’ तरीके से ‘रिस्क बेस्ड’ अप्रोच पर स्विच करके केवाईसी प्रोसेस को सरल किया जाए. वित्त मंत्री ने कहा था कि फाइनेंशियल सेक्टर रेगुलेटर्स डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने करने के लिए केवाईसी सिस्टम को प्रोत्साहित किया जाएगा. बैंकिंग सिस्टम में अलग-अलग पहचान वाले कई अकाउंट्स को रोकने के लिए बैंकों और नियामकों द्वारा केंद्रीय केवाईसी फॉर्मैट को और मजबूत करने पर चर्चा की जा रही है. बैंक एडमिनिस्ट्रेशन में सुधार और इंपवेस्टर सेफ्टी बढ़ाने के लिए सरकार बैंकिंग रेगुनेशसन अधिनियम, बैंकिंग कंपनी अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन पर भी काम कर रही है.