कंगाल पाकिस्तान ने 75 साल में 23 बार IMF के सामने फैलाए हाथ, नहीं मिली भीख
पाकिस्तान को एक बड़ी उम्मीद IMF से थी, लेकिन आईएमएफ ने भी उसे झटका दे दिया है. उधर, वहां महंगाई भी चरम पर है आटे की कमी, पेट्रोल के आसमान छूते भाव, बिजली की किल्लत और अंधकार में डूबे देश की हालत लंबे समय तक ऐसे ही चलती रही, तो आगे जाकर जिन्ना का यह देश बिखर भी सकता है.
कर्ज में डूबे पाकिस्तान को एक बार फिर करारा झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. आपको बता दें, पाकिस्तान इन दिनों बुरे हालातों से गुजर रहा है. उसकी इकोनॉमी की बुरी तरह टूट चुकी है. वो बार बार कटोरा लेकर हर देश के पास जाकर कर्ज की भीख मांग रहा है.
चीन ने उसे काफी कर्ज दे रखा है, लेकिन उसकी ब्याज दर बहुत ज्यादा है. उसे एक बड़ी उम्मीद IMF से थी, लेकिन आईएमएफ ने भी उसे झटका दे दिया है. उधर, वहां महंगाई भी चरम पर है आटे की कमी, पेट्रोल के आसमान छूते भाव, बिजली की किल्लत और अंधकार में डूबे देश की हालत लंबे समय तक ऐसे ही चलती रही, तो आगे जाकर जिन्ना का यह देश बिखर भी सकता है.
75 साल में 23 बार IMF के पास गया पाकिस्तान
पाकिस्तानी 75 साल में 23 बार IMF के आगे हाथ फैला चुका है. मगर, IMF ने उसकी मांग को ख़ारिज कर दिया है. आमतौर पर देश आईएमएफ के पास तब जाता है जब उसका विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो गया हो. विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग आयात के भुगतान के लिए और विदेशों से उधार लिए गए धन का भुगतान करने के लिए किया जाता है.
पाकिस्तान ने करेंट अकाउंट कभी भी नहीं रहा सरप्लस
एशिया के बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के विपरीत इतिहास में शायद ही कभी पाकिस्तान ने करेंट अकाउंट सरप्लस चलाया है. कभी तो हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान का चालू खाता घाटा काफी बड़ा रहा है. आप इसको ऐसे देख के समझ सकते हैं कि 2017-19 और 2022 के दौरान, चालू खाता घाटा, सकल घरेलू उत्पाद के 3% से अधिक चल रहा है.
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के हिस्से के रूप में इम्पोर्ट केवल 10% के आसपास हैं. सफल देशों में, निर्यात की हिस्सेदारी बहुत अधिक तोही है, आम तौर पर सकल घरेलू उत्पाद का 20-30 प्रतिशत.