अडानी ग्रुप में सब कुछ ‘ठीक-ठाक’? सेबी ने मांगी ये जानकारी क्या गिरेगी नई गाज
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के दिन सुधरने का ना ही नहीं ले रहे हैं. हालांकि गौतम अडानी के समूह की ओर से लगातार निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश की जा रही है. इस बीच मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने समूह की कंपनियों के बारे में एक जरूरी जानकारी मांगी है. क्या है पूरा मामला
अडानी ग्रुप इन दिनों हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से लगे झटके से लगातार उबरने की कोशिश में लगा है. फिर वह चाहे निवेशकों से सीधे बातचीत करना हो, भविष्य की कुछ परियोजनाओं को टालना हो या फिर म्यूचुअल फंड्स कंपनियों का कर्ज लौटाना. इस बीच शेयर मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने अडानी ग्रुप (ADANI Group) की कंपनियों को लेकर एक अहम जानकारी मांगी है.
सेबी ने क्रेडिट रेटिंग कंपनियों से अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्थानीय लोन और प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की सभी रेटिंग्स की जानकारी मांगी है. सेबी ने पिछले हफ्ते ही रेटिंग कंपनियों से समूह की कंपनियों की आउटस्टैंडिंग रेटिंग, आउटलुक और बिजनेस ग्रुप के अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद संभावित अपडेट की सूचना देने को कहा है.
अडानी ग्रुप में सब कुछ है ठीक-ठाक?
ईटी ने इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से खबर दी है. खबर में कहा गया है कि सेबी ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर प्राइस में आई तेज गिरावट का असर कहीं उसकी लिक्विडिटी पोजिशन या कर्ज चुकाने की क्षमता पर तो नहीं पड़ा है. हालांकि इसमें से अधिकतर जानकारी पब्लिक डोमेन में पहले से है.
देसी कंपनियों ने नहीं बदली रेटिंग
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी. तब से अब तक किसी भी भारतीय रेटिंग एजेंसी ने रेटिंग्स या आउटलुक में बदलाव नहीं किया है. जबकि 25 जनवरी से 21 फरवरी के बीच अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स में 21.7 प्रतिशत से लेकर 77.47 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है.अडानी ग्रुप की अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है.
वहीं दूसरी तरफ कई अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी जैसे कि एसएंडपी और मूडीज इत्यादि ने अडानी ग्रुप की अधिकतर कंपनियों की कर्ज लेने की रेटिंग को ‘स्थिर’ से ‘नकारात्मक’ कर दिया है.