12 हजार किलोमीटर दूर से होगा भारतीयों की जेब पर फिर से हमला, जानें कैसे?

12 हजार किलोमीटर दूर से होगा भारतीयों की जेब पर फिर से हमला, जानें कैसे?

भारत का सेंट्रल बैंक पहले ही मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है. जिसकी वजह से पॉलिसी रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गए हैं. 8 फरवरी को आरबीआई की एमपीसी ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी.

खबर डराने वाली है. इस हमले का ब्लूप्रिंट तैयार हो रहा है. 22 मार्च को वॉशिंगटन डीसी की एक्लेस बिल्डिंग से एक ऐलान होगा और भारतीयों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा. जी हां, एक्लेस बिल्डिंग वही है जहां से अमेरिकी सेंट्रल बैंक के प्रमुख पॉलिसी रेट का ऐलान करते हैं. फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने साफ कर दिया है कि ब्याज दरों में फिर से इजाफा होगा. अभी यह पता नहीं है कि पॉलिसी रेट में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है. अगर इजाफा होता है तो भारत का रिजर्व बैंक भी रेपो रेट में इजाफा करने को मजबूर होगा. क्योंकि महंगाई के आंकड़ें भारत में भी कम नहीं हुए हैं. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि देश के लोगों पर ईएमआई का बोझ फिर से बढ़ सकता है.

तय है फेड बढ़ाएगा पॉलिसी रेट

बात तय है कि फेड पॉलिसी रेट में इजाफा करेगा. जिसके संकेत फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल दे चुके हैं. अभी इस बारे में खुलासा नहीं किया है कि फेड पॉलिसी रेट में कितना इजाफा करेगा, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि फेड इस बार भी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है. यह लगातार दूसरा मौका होगा जब फेड की ओर से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इससे पहले फेड लगातार 75 बेसिस प्वांइट का इजाफा करता हुआ रहा था.

अपने दिसंबर के अनुमान में, अधिकारियों ने टर्मिनल रेट को 5.1 फीसदी तक आंका था. सीएमई समूह के आंकड़ों के अनुसार, पॉवेल की टिप्पणी के बाद करंट मार्केट प्राइसिंग 5.5 से 5.75 फीसदी की रेंज तक बढ़ गया है.

कुछ ऐसा आया है फेड चेयरमैन का बयान

फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने मंगलवार को आगाह किया कि ब्याज दरें केंद्रीय बैंक के पॉलिसी मेकर्स की अपेक्षा से अधिक होने की संभावना है. इस साल की शुरुआत के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि महंगाई ने 2022 के अंत में दिखाई गई मंदी को फिर से पलट दिया है, केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने बढ़ती इकोनॉमी को धीमा करने के लिए सख्त मॉनेटरी पॉलिसी की चेतावनी दी. जिसके बाद से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. नैस्डैक में 0.75 फीसदी और डाउ जोंस में एक फीसदी से ज्यादा गिरा. एसएंडपी 500 भी एक फीसदी से ज्यादा गिरा.

भारतीयों की जेब पर पड़ेगा असर

इस फैसले के बाद से भारतीयों की जेब पर भी साफ असर देखने को मिल सकता है. फेड के बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है, जोकि 25 से 35 बेसिस प्वाइंट हो सकता है. भारत का सेंट्रल बैंक पहले ही मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है. जिसकी वजह से पॉलिसी रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गए हैं. 8 फरवरी को आरबीआई की एमपीसी ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी. फेड अगर 50 से 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करता है तो आरबीआई भी पॉलिसी रेट में 25 से 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है.