राजस्थान चुनाव से पहले जेल से बाहर आया राम रहीम, टाइमिंग पर सवाल, पीड़ित परिवारों ने जताई नाराजगी

राजस्थान चुनाव से पहले जेल से बाहर आया राम रहीम, टाइमिंग पर सवाल, पीड़ित परिवारों ने जताई नाराजगी

इस बीच कई मौके ऐसे रहे, जिसमें गुरमीत राम रहीम को पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर लाने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया गया. राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है, उसे 4 दिन पहले गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो मिली है.

हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और रेप के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर जेल से बाहर आने के लिए 21 दिन की फरलो मिल गई है. राम रहीम जेल से बाहर आने के बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के बागपत के बरनावा आश्रम में रहेगा. लेकिन इस बार राम रहीम को हर बार पैरोल या फरलो दिए जाने की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

दरअसल गुरमीत राम रहीम मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर के गुरुसर मोड़िया गांव का रहने वाला है. हरियाणा और पंजाब की सीमा से लगते राजस्थान के कई जिलों में गुरमीत राम रहीम का काफी आधार माना जाता है. राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू समेत कई जिलों में गुरमीत राम रहीम का खासा प्रभाव है. यहां के तकरीबन हर जिले में डेरा सच्चा सौदा के आश्रम मौजूद हैं, जहां पर बड़ी संख्या में अनुयायी इनसे जुड़े हैं.

कब-कब आया जेल से बाहर

  • गुरमीत राम रहीम 25 अगस्त 2017 से जेल में सजा काट रहा है. उसे पहली बार 24 अक्टूबर 2020 को 24 घंटे के लिए पैरोल दी गई थी.
  • 21 मई 2021 को बीमार मां से मिलने के लिए गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिली.
  • 7 फरवरी 2022 में गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली.
  • 17 जून 2022 को 30 दिन की पैरोल मिली.
  • 15 अक्टूबर 2022 को 40 दिन की पैरोल मिली.
  • 21 जनवरी 2023 को 40 दिन की पैरोल मिली.
  • 20 जुलाई 2023 को 30 दिन की पैरोल मिली.
  • 15 अगस्त 2023 को जन्मदिन के मौके पर गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी गई.

जेल से बाहर लाने की टाइमिंग पर सवाल

इस बीच कई मौके ऐसे रहे, जिसमें गुरमीत राम रहीम को पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर लाने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया गया. राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है, उसे 4 दिन पहले गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर फरलो मिली है. फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिली. इसके बाद हरियाणा निकाय चुनाव के दौरान भी गुरमीत राम रहीम पैरोल पर बाहर था और लगातार ऑनलाइन सत्संग करके शक्ति प्रदर्शन कर रहा था. इस दौरान कई सरपंचों और नगर निगमों के अलग-अलग पदों के उम्मीदवार उसके सत्संगों में नतमस्तक होते हुए दिखाई दिए.

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हरियाणा में आदमपुर और सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान भी गुरमीत राम रहीम को ठीक चुनाव से पहले पैरोल दी गई थी. 37 महीने की अपनी सजा के वक्त के दौरान गुरमीत राम रहीम 9वीं बार जेल से पैरोल या फरलो पर बाहर आ रहा है.

हरियाणा सरकार ने झाड़ा पल्ला

हालांकि गुरमीत राम रहीम को राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से जेल से बाहर आने के लिए दी गई फरलो के मामले को लेकर हरियाणा सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है. हरियाणा कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हमें किसी की पैरोल से चुनावों में फायदा उठाने की जरूरत नहीं है हम अपने काम के आधार पर लोगों के बीच जाते हैं. इसलिए हमें किसी की कृपा की जरूरत नहीं है. राम रहीम को पैरोल देना न्यायपालिका का प्रशासनिक मामला है. पैरोल के लिए कुछ तय मापदंड हैं उसके अनुसार वह दी जाती है.

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जिस पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में गुरमीत राम रहीम जेल में सजा काट रहा है. उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि साध्वियों का बलात्कारी, रामचंद्र छत्रपति और रंजीत सिंह का कातिल गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से सलाखों से बाहर आया है.

फरलो मिलना व्यवस्था पर सवाल

उन्होंने कहा कि राम रहीम को फरलो मिलना हमारी व्यवस्था पर सवाल उठाता है और ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ये लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है. अदालत चाहे कोई भी फैसला सुनाए लेकिन कोई ना कोई रास्ता निकाल कर राम रहीम जैसे अपराधी बाहर आ जाते हैं ये बेहद शर्मनाक है. बार-बार सरकारी तंत्र ये हवाला देता है कि नियमों के तहत पैरोल दी जा रही है. ऐसे बहुत से अपराधी हैं और कैदी हैं जो सालों से सलाखों के पीछे हैं और उनको एक दिन की भी पैरोल नहीं मिलती है. हालांकि गुरमीत राम रहीम की जेल से छुट्टी की टाइमिंग को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों भी खुलकर कुछ भी कहने से बच रही हैं.