बाबा के सत्संग से गायब हुआ मुखिया, ढूंढने पहुंच परिवार को सेवादारों ने भगाया
नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' के सत्संग से एक परिवार का मुखिया गायब हो गया. मुखिया को गायब हुए करीब दो महीने हो चुके हैं. पीड़ित परिवार ने बाबा के सत्संग में जाकर मुखिया की खोज के लिए अनाउंसमेंट कराने की मांग की, लेकिन सेवादारो ने इसके लिए मना कर दिया.
हाथरस हादसे में 123 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं. हादसे के बाद से मृतकों का परिवार समदे में है. कोई इसके लिए बाबा नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ को जिम्मेदार मान रहा है तो कोई इसे नियति का परिणाम बता रहा है. हादसे के बाद बाबा के कई भक्त और पूर्व सेवादार भी सामने आए, जो उनके पाखंड की पोल खोलते दिखे. इसी बीच एक पीड़ित परिवार भी सामने आया, जिसने बाबा को आडंबरी बताया.
इस परिवार के मुखिया का नाम महावीर सिंह था. महावीर बाबा नारायण साकार हरि के समागम में अक्सर जाया करते थे. 10 मई से काफी लंबे समय के लिए बाबा का एक समागम मैनपुरी बिछवां आश्रम के सामने बने मैदान में शुरू हुआ था. महावीर सिंह उस समागम में 21 मई को दूसरी बार पहुंचे थे और वहां से वह गायब हो गए.
परिवार से क्या बोले बाबा के सेवादार?
जब उनके परिवार के लोगों को इस बारे में ज्ञात हुआ कि महावीर सिंह गायब हो गए हैं तो लगातार उस समागम में पहुंचे. वहां पर मौजूद बाबा की सेवादारों से उन्होंने गुहार लगाई कि उनके पिता को ढूंढने में मदद करें और वहां पर जो माइक सिस्टम लगा हुआ है, उस पर अनाउंसमेंट करें, जिससे महावीर सिंह की ढूंढने में मदद हो जाए, लेकिन बाबा के सेवादारों ने उन्हें यह कहकर वहां से भगा दिया कि मरे हुए और खोए हुए लोगों की अनाउंसमेंट बाबा के मंच से नहीं की जाती.
दर-दर की ठोकरें खा रहा परिवार
पीड़ित परिवार लगातार बाबा से मिलने की कोशिश भी करता रहा, लेकिन बाबा के सेवादारों की जो नारायणी सेना है, उन्होंने पीड़ित परिवार को लगातार मायूस लौटा दिया. यह परिवार पिछले डेढ़ महीने से लगातार दर-दर के ठोकर खा रहा है. जगह-जगह पर अपने पिता की फोटो छपे पोस्टर लगा रहा है, लेकिन महावीर सिंह कहां हैं, इस बारे में कोई भी जानकारी उन्हें नहीं मिल रही है.
महिला सेवादारों ने की बदसलूकी
अब परिवार बाबा पर सीधा आरोप लगा रहा है. उनका कहना है यह बाबा कोई चमत्कारी नहीं है. यह आडम्बरी है और आडंबर रचाकर यहां पर लोगों को बरगला रहा है और जो लोग इसके संपर्क में आते हैं, उनके साथ गलत व्यवहार करता है. हमारे पिता समय रहते मिल जाते. अगर बाबा की सेवादार हमारी मदद करते, लेकिन न सिर्फ पुरुष सेवादारों ने बल्कि महिला सेवादारों ने भी परिवार के साथ बदसलूकी की.