अजगर ने किया हमला, गर्दन जकड़ी… फिर शख्स ने फन पकड़ा और कर दिया ये काम
एमपी के जबलपुर में एक ग्रामीण पर एक अजगर ने हमला कर दिया. अजगर ने उसकी गर्दन जकड़ ली और उसे उसे निगलने के लिए हमला कर दिया. इस दौरान ग्रामीण घबरा गया और उसने अजगर का मुंह पकड़ा और मदद के लिए चिल्लाने लगा.
मध्य प्रदेश के जबलपुर के कल्याणपुर गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां एक ग्रामीण शौच के लिए जंगल में गया था, उस पर अचानक 15 फीट लंबे अजगर ने हमला कर दिया. अजगर ने अपनी पूंछ से ग्रामीण की गर्दन को जकड़ लिया और उसे निगलने की कोशिश की. इस भयावह मंजर को देखकर ग्रामीण ने अजगर का मुंह पकड़ा और मदद के लिए आवाज लगाई. कुछ देर बाद वहां से गुजर रहे ग्रामीणों की नजर पड़ी इसके बाद उसे जैसे-तैसे बचाया गया.
वहां से गुजरने वालों ने बताया कि जब वह शख्स की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे तो अजगर ने उस ग्रामीण को पूरी तरह से जकड़ रखा था. ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तत्परता से अजगर को ग्रामीण से अलग करने की कोशिश की. ग्रामीणों के पास कोई अन्य साधन न होने के कारण उन्होंने कुल्हाड़ी, पत्थर और अन्य धारदार हथियारों का उपयोग करके अजगर को मार डाला. अन्य गांव वालों ने ग्रामीण को अजगर के चंगुल से छुड़ा लिया. ग्रामीणों ने जानकारी के अभाव में और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अजगर को काबू करने की बजाय उसकी हत्या कर दी. उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. यह घटना जबलपुर के थाना कुंड़म की पुलिस चौकी बघराजी के अंतर्गत आती है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी ली और आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू की.
यह घटना उस समय और भी दुखद हो गई जब पता चला कि ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने के लिए क्रूर कदम उठाया और अजगर को मार डाला. अगर उन्हें सही जानकारी होती कि अजगर को बिना मारे कैसे काबू किया जा सकता है, तो शायद अजगर की जान बचाई जा सकती थी. इस घटना ने ग्रामीणों के बीच वन्यजीवों के प्रति जानकारी और जागरूकता की कमी को उजागर किया है. वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि अजगर आमतौर पर मनुष्यों पर हमला नहीं करते हैं और उन्हें सही तरीके से काबू किया जा सकता है. इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के बारे में जागरूकता और शिक्षा की कमी कितनी घातक हो सकती है. यह जरूरी है कि ऐसे क्षेत्रों में वन्यजीवों के साथ सुरक्षित तरीके से निपटने के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाए.
कुल मिलाकर, यह घटना ग्रामीणों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है और वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है. पुलिस और वन विभाग को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और वन्यजीवों की रक्षा की जा सके.