इजरायल-हमास वॉर भारत में हुआ बेअसर, दो दिनों में निवेशकों का हुआ 5.43 लाख करोड़ का फायदा
सेंसेक्स 393.69 अंक यानी 0.6 फीसदी बढ़कर 66,473.05 अंक पर बंद हुआ. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 121.50 अंक यानी 0.62 फीसदी की तेजी के साथ 19,811.35 अंक पर बंद हुआ.
इजरायल-हमास वॉर रोज तीखा होता जा रहा है. दुनिया इस मामले में दो खेमों में बंटती हुई दिखाई दे रही है. वहीं दूसरी ओर भारत में इसका असर बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रहा है. लगातार दूसरे दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल चुकी है. दो दिनों में सेंसेक्स 960 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है. वहीं निफ्टी में 299 अंकों का इजाफा देखने को मिल चुका है. बीएसई से आंकड़ों के अनुसार निवेशकों को दो दिनों में 5.43 लाख करोड़ रुपये का फायदा हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं.
शेयर बाजार में तेजी
ग्लोबल मार्केट के के मिलेजुले संकेतों और महंगाई के आंकड़ें कम होने की उम्मीद और इजरायल—हमास वॉर के बेअसरी रहने की वजह से आज शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी के साथ बंद हुआ. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 393.69 अंक यानी 0.6 फीसदी बढ़कर 66,473.05 अंक पर बंद हुआ. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 121.50 अंक यानी 0.62 फीसदी की तेजी के साथ 19,811.35 अंक पर बंद हुआ. इजराइल-हमास संघर्ष से बेअसर घरेलू शेयर बाजारों में तेजी का यह लगातार दूसरा कारोबारी सत्र रहा. मंगलवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी में करीब एक प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी.
कैसा रहा देश की प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन
जुलाई-सितंबर तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा से पहले एफएमसीजी, ऊर्जा, धातु, दवा और निजी बैंकों के शेयरों में खरीदारी देखी गई जबकि अधिकांश आईटी शेयरों में गिरावट रही. सेंसेक्स की कंपनियों में विप्रो में सर्वाधिक 3.29 फीसदी की बढ़त रही. अल्ट्राटेक सीमेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, एनटीपीसी, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, कोटक बैंक और एक्सिस बैंक में भी तेजी का रुख रहा. दूसरी तरफ एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 1.24 फीसदी की सर्वाधिक गिरावट देखी गई. एसबीआई, टीसीएस, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक और टाटा स्टील में भी गिरावट रही.
नहीं पड़ेगा इजरायल वॉर का असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार का कुल दायरा मजबूत रहा क्योंकि निवेशकों को लग रहा है कि पश्चिम एशिया में छिड़े संघर्ष का असर सीमित रहेगा और कच्चे तेल की कीमत पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए. नायर ने कहा कि फूड और फ्यूल महंगाई में कमी आने से सितंबर महीने की थोक महंगाई दर में गिरावट आने की उम्मीद है. इसके अलावा दूसरी तिमाही के नतीजे आने की शुरुआत होने वाली है. आईटी सेक्टर की आमदनी में मध्यम वृद्धि रह सकती है जबकि अन्य कंपनियों के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है. ब्रॉडर मार्केट में बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.55 फीसदी बढ़ा, जबकि स्मॉलकैप में 0.77 फीसदी की तेजी रही.
विदेशी बाजारों में भी तेजी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नरम टिप्पणियों के बीच अमेरिका के 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड कम हुआ है. बॉन्ड मार्केट से दबाव कम होने के बाद अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में बढ़त के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुए जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट में मामूली गिरावट रही. यूरोप के अधिकांश बाजार लगभग स्थिर स्तर पर कारोबार कर रहे थे. शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता बने रहे और उन्होंने मंगलवार को 1,005.49 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की.