पुलवामा हमले की वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठे किरोड़ीलाल, बोले- गहलोत ने की वादाखिलाफी

पुलवामा हमले की वीरांगनाओं के साथ धरने पर बैठे किरोड़ीलाल, बोले- गहलोत ने की वादाखिलाफी

जयपुर: राजस्थान में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पुलवामा हमले की वीरांगनाओं की समस्याओं को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सांसद शहीद हुए हेमराज और 2 शहीदों के परिजनों के साथ धरने पर बैठे हैं.

जयपुर: राजस्थान में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक मीणा राजधानी में पुलवामा हमले की वीरांगनाओं की समस्याओं के समाधान को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. राज्यसभा सांसद पुलवामा हमले में शहीद हुए हेमराज और 2 शहीदों के परिजनों के साथ पहले विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे रहे जहां पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा गेट से उठकर अमर जवान ज्योति पर धरने पर बैठ गए. सांसद का कहना है कि 4 साल से ज्यादा का समय गुजर गया है वक्त बीत गया है, लेकिन अब तक सरकार ने वीरांगनाओं के साथ किया एक भी वादा पूरा नहीं किया है. सांसद ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीरांगनाओं से मिलकर इनकी लंबित मांगों को पूरा नहीं करेंगे हम यहीं धरना देते रहेंगे.

मालूम हो कि इससे पहले किरोड़ी लाल ने राशन डीलरों की समस्याओं को लेकर मंगलवार को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से भी मुलाकात की थी. इस दौरान खाचरियावास ने राशन डीलरों की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया.

एक भी वादा नहीं हुआ पूरा : सांसद

सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस दौरान आरोप लगाया कि सरकार ने वीरांगनाओं के लिए जो पैकेज घोषित किया था और उनमें जो भी वादे किए गए थे उसमें एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है. सांसद ने कहा कि अब तक शहीदों की प्रतिमा नहीं लगवाई गई है और ना ही उनके गांवों में सड़कें बनी हैं. इसके अलावा शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक पैकेज भी नहीं दिए गए हैं.

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गौरतलब है कि इससे पहले मीणा ने पेपर लीक मामले में राजधानी जयपुर में धरना दिया था और वह पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग कर रहे थे.

पुलवामा में हुए थे राजस्थान के 5 जवान शहीद

मालूम हो कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 78 बसों में सवार होकर सीआरपीएफ के 2500 जवानों का काफिला गुजर रहा था जहां पुलवामा में सामने से आ रही एक एसयूवी जवानों के काफिले से टकराई जिसके बाद हुए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे जिसमें राजस्थान के भी 5 जवान शामिल थे.

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मंगलवार को धरने पर बैठी शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला ने बताया कि शहादत के चार साल बीतने के बाद भी गांव में उनके पति की प्रतिमा नहीं लगाई गई है और सरकार के मंत्रियो ने जो वादे किए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है.