जम्मू आतंकी हमला: खाई में नहीं गिरती बस तो सभी मारे जाते, 15 मिनट तक इन्होंने सामने देखी ‘मौत’
9 जून को आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस पर हमला कर दिया था. बस जम्मू के रियासी से गुजर रही थी, तभी आतंकियों ने बस पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई थी. इस हमले में जख्मी लोग घटना को याद कर सहम जाते हैं.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस पर हमला कर दिया था. हमले में 9 लोगों की मौत और 33 घायल हुए हैं. आतंकियों ने बस पर गोलियों की बरसात कर दी. एक गोली ड्राइवर को भी लगी. इसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. घायलों में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग भी हैं, जो कि अस्पतालों में भर्ती हैं. ये लोग रियासी आतंकी हमले की बात करते ही डर जाते हैं, बस एक ही बात कहते हैं कि भगवान ने उनकी जान बचा ली.
आतंकी हमले के दौरान बस में गोंडा की एक युवती भी मौजूद थी. जब उसका नाम पूछा गया तो उसने बताने से इनकार कर दिया. लेकिन एक बात जरूर कही कि अगर बस खाई में नहीं गिरती तो आतंकी सभी को मार डालते. युवती सहमी दिख रही थी. उसने कहा कि 15 मिनट तक आतंकी गोलियां बरसाते रहे. लोग जितना चिल्लाते, आतंकी उतनी ही तेजी से फायरिंग कर रहे थे.
बस में सवार युवक ने बताया
बस में वाराणसी का अतुल अपनी पत्नी के साथ बैठा था. उसने बताया कि वह अगली सीट पर बैठा था. अचानक गोलियों की आवाजें आने लगीं. बस के सामने का शीशा टूट गया. फिर पता चला कि बस को निशाना बनाते हुए गोलियां चलाई जा रही हैं. सभी यात्री बस के फर्श पर बैठ गए. फिर आपस में सभी यात्रियों ने इशारा किया कि सभी चुप हो जाएं. लेकिन बस हिलने लगी. यात्री एक-दूसरे से टकराने लगे. इसके बाद फिर कुछ यात्री चिल्लाने लगे. तभी आतंकियों ने दोबारा फायरिंग शुरू कर दी. इसके कुछ देर बाद ही बस खाई में गिर गई.
घायलों में ये लोग शामिल
रियासी हमले में घायलों में गोंडा के देवी प्रसाद गुप्ता, बिटन गुप्ता, पलक गुप्ता, प्रिंस गुप्ता, दीपक कुमार और राजेश गुप्ता शामिल हैं. वहीं वाराणसी के अतुल और नेहा, बलरामपुर के विकास वर्मा, शारदा देवी, बिमला देवी, दिल्ली की शिवानी, गोरखपुर की गायत्री देवी और मेरठ के तरुण कुमार, पवन कुमार सहित अन्य भी घायलों में शामिल हैं.
रियासी आतंकी हमले के विरोध में राजस्थान के चौमू में लोगों ने रैली निकाली. चौमू के थाना मोड़ के पास लोगों ने सड़क जाम कर दिया, धरना दिया और पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शहरवासी आतंकी हमले में मारे गए लोगों के घरवालों को आर्थिक मुआवजा और सरकारी नोकरी देने की मांग कर रहे थे. एहतियातन भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. आतंकी हमले में चौमू व हरमाड़ा के 4 लोगों की मौत हुई है.