धार्मिक मामलों पर सख्त हुए नड्डा, BJP नेताओं से कहा- बेवजह बयानबाजी न करें

धार्मिक मामलों पर सख्त हुए नड्डा, BJP नेताओं से कहा- बेवजह बयानबाजी न करें

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सांसद खेल स्पर्धा समेत अन्य कार्यक्रम पूरा करें. बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जनता के बीच जाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस करे. पढ़ें- आनंद प्रकाश पांडे की रिपोर्ट...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष जेडी नड्डा ने पार्टी नेताओं को धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है. उन्होंने पार्टी सांसदों के साथ शुक्रवार को वर्चुअल बैठक की है. जेपी नड्डा ने कहा कि विवादित और धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी न की जाए. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है. उन्होंने कहा है कि ऐसे मुद्दों पर पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ही बयान देंगे.

नड्डा ने कहा, ‘धार्मिक मामले, सनातन धर्म जैसे विषय जिनके हैं वो देखेंगे, लेकिन राजनीतिक लोगों को इसमें नहीं पड़ना चाहिए और न ही बयान देना चाहिए. बागेश्वर धाम में जिसकी आस्था है वो नेता जाएं, पर बेवजह के बयानों से परहेज करें. पार्टी का थीम सबका साथ , सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास है और इसी थीम पर काम करें.

बीजेपी अध्यक्ष ने ये भी कहा कि सांसद खेल स्पर्धा समेत अन्य कार्यक्रम पूरा करें. बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जनता के बीच जाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके बारे अधिक से अधिक जानकारी दें ताकि सरकार की योजनाएं उन्हें आसानी से समझ आ सकें. साथ ही साथ स्थानीय संगठन के साथ मिलकर बूथ और शक्ति केंद्र मजबूत करें.

लोकसभा चुनाव को लेकर भी नड्डा कर रहे हैं मंथन

इससे पहले 14 जनवरी को जेपी नड्डा ने सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ एक हाईलेवल बैठक की अध्यक्षता की थी. इस बैठक में उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर गहन चिंतन और मंथन किया था. राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी मुख्यालय में करीब 7 घंटे तक चली बैठक में जी20, एक भारत श्रेष्ठ भारत और पार्टी नेताओं के प्रवास सहित सभी मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इस साल 9 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, जिनमें पूर्वोत्तर के राज्य भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन चुनावों की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया. बीते दिन त्रिपुरा में चुनाव कराए गए हैं. इसके बाद बीजेपी के फोकस में नागालैंड, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के चुनाव हैं. पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी प्लानिंग कर रही है ताकि 2019 की जीत को दोहराया जा सके.