महाशिवरात्रि पर दरगाह में पूजा करेंगे हिंदू समुदाय के लोग… वक्फ ट्राब्यूनल ने दी इजाजत

महाशिवरात्रि पर दरगाह में पूजा करेंगे हिंदू समुदाय के लोग… वक्फ ट्राब्यूनल ने दी इजाजत

कर्नाटक के कलबुर्गी में एक दरगाह है, जो कि हिंदू-मुस्लिम समुदायों के लिए पूजा का साझा स्थान माना जाता है. सालों से दोनों समुदाय के लोग यहां पूजा कर रहे थे, लेकिन अब त्योहार के मौके पर तनाव पैदा हो जाते हैं. इस बीच वक्फ ट्राब्यूनल ने हिंदू समुदाय को दरगाह में पूजा की इजाजत दी है.

कर्नाटक के संवेदनशील जिले कलबुर्गी में एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग एक ही स्थान पर पूजा करेंगे. यहां आलांद में एक दरगाह है जो कि दोनों समुदाय के लिए पूजा का साझा स्थान माना जाता है. यहां महाशिवरात्रि के मौके पर हिंदू समुदाय के लोग दरगाह में मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों के बाद पूजा करेंगे. वक्फ ट्राब्यूनल कोर्ट ने दोनों समुदाय को अपनी-अपनी धार्मिक गतिविधियों की इजाजत दी है. पिछले साल ही यहां दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गए थे और हिंसा भी देखी गई थी. शनिवार, 18 फरवरी को ही महाशिवरात्रि और उर्स त्योहार है (जो मुसलमानों के एक तबके में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है).

मुस्लिम समुदाय के लोगों को दिन में 8-12 का स्लॉट दिया गया है, जबकि उसके बाद 2-6 बजे के बीच हिंदू समुदाय के लोग यहां पूजा कर सकेंगे. डिप्टी कमिश्नर यशवनाथ गुरुकर के मुताबिक, इसके लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं. दरगाह का नाम 14वीं सदी के सूफी स्कॉलर हजरत ख्वाजा लाडले मशायख अलाउद्दीन अंसारी के नाम पर है, जो लाडले मशायख के रूप में मशहूर हैं. उसी स्थान पर 15वीं सदी के संत राघव चैतन्य का मकबरा है. यही वजह है कि सालों से यहां दोनों समुदाय के लोग शांतिपूर्ण पूजा और अन्य धार्मिक गतिविधियां करते रहे हैं.

अनहोनी से निपटने के लिए तैयार पुलिस

रिपोर्ट के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसी भी अनहोनी से बचने के लिए दो किलोमीटर के क्षेत्र में चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं और भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है. वक्फ बोर्ड ट्रायब्यूनल कोर्ट ने पूजा और धार्मिक गतिविधियों के खात्मे के बाद दरगाह और आसपास के क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाए जाने का निर्देश दिया है.

हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद

गौरतलब है कि, पिछले साल दरगाह पर अधिकार को लेकर विवाद पैदा हो गए थे. हिंदू एक्टिविस्टों ने अपील की थी कि वह दरगाह में सफाई अभियान चलाएंगे. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग भी अधिकार के सामने आ गए. हिंदू समुदाय के लोग यहां स्थित राघवचैतन्य के शिवलिंग की शुद्धिकरण पूजा करना चाहते थे, और उसी दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों का ऐलान था कि वे वहां शब-ए-बारात मनाएंगे. तनाव और छिटपुट हिंसा के बाद पुलिस ने यहा 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया था और हालात शांतिपूर्ण हो सके थे.