हर दूसरे दिन एक बाघ की मौत, अबतक 30 ने तोड़ा दम, टाइगर रिजर्व बोला- कोई बड़ी बात नहीं

हर दूसरे दिन एक बाघ की मौत, अबतक 30 ने तोड़ा दम, टाइगर रिजर्व बोला- कोई बड़ी बात नहीं

भारत में इसी साल अबतक 30 बाघों की मौतें दर्ज की गई है. पिछले साल 2022 में 121 और 2021 में 127 मौतें दर्ज की गई थी. इनमें सबसे ज्यादा मौतें मध्य प्रदेश में दर्ज की गई. बता दें कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ की आबादी वाला देश है.

दिल्ली: भारत में हर साल दर्जनों बाघ की मौत हो जाती है और इस राष्ट्रीय पशु की सुरक्षा काफी अहम है. इसी साल 2023 में अबतक 30 बाघों की मौत हो चुकी है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) मानता है कि इसमें हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि आमतौर पर जनवरी-मार्च के बीच बाघों की मौत बढ़ जाती है. देश के कई टाइगर रिजर्व में और रिजर्व के बाहर बाघों की मौतें दर्ज की गई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कान्हा, पन्ना, रणथंभौर, पेंच, कॉर्बेट, सतपुड़ा, ओरंग, काजीरंगा और सत्यमंगलम रिजर्व से बाघों की मौत की जानकारी सामने आई है. 30 मौतों में 16 रिजर्व के बाहर बताई गई हैं. सबसे ज्यादा 9 मौतें मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है. इसके बाद महाराष्ट्र में करीब सात बाघों की मौत हुई है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बाघों की मौतें इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां इस राष्ट्रीय पशु की आबादी सबसे ज्यादा है.

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जहां आबादी ज्यादा, वहां मौत भी होगी ज्यादा

नेशनल टाइगर रिजर्व के अधिकारी कहते हैं कि बाघों की मौत चिंता की बात नहीं है. अधिकारी कहते हैं कि स्वभाविक है कि जहां बाघों की संख्या ज्यादा होगी, वहां मौतें भी ज्यादा होगी. एनटीसीए के अधिकारी ने कहा, आंकड़ों से हमें पता चलता है कि किसी भी साल में जनवरी और मार्च के बीच सबसे ज्यादा बाघों की मौत होती है. यह वह समय होता है जब वे अपना क्षेत्र छोड़कर बाहर निकलते हैं, इसलिए बाघों के बीच संघर्ष भी देखा जाता है. इनके बीच क्षेत्रीय संघर्ष भी होते हैं. एनटीसीए के अधिकारी कहते हैं कि बाघों की एक अच्छी आबादी वाले देश में सालाना 200 बाघों की मौत कोई बड़ी बात नहीं है.

6% की दर से बढ़ रही भारत में बाघ की आबादी

अधिकारी ने कहा कि देश में बाघों की आबादी सालाना 6% के दर से बढ़ रही है. ऐसे में बाघों की मृत्यु पर बहस करना एक गलती है. अधिकारी कहते हैं कि आपको यह देखना होगा कि आपके देश में बाघों की संख्या भी बढ़ रही है. एक बाघ का औसत जीवनकाल 12 साल का होता है. उन्होंने कहा कि इस साल भी इसकी आबादी 6% बढ़ने की उम्मीद है. इससे पहले 2022 में देशभर में 121 बाघों की मौतें दर्ज की गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश में 34, महाराष्ट्र में 28 और कर्नाटक में 19 मौतें हुई थी. वहीं 2021 में देश में बाघों की 127 मौतें दर्ज की गई.

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बाघों की आबादी सबसे ज्यादा भारत में:

  • भारत – 2,967
  • रूस – 433 बाघ
  • इंडोनेशिया – 371 बाघ
  • नेपाल – 355 बाघ
  • थाईलैंड – 148 से 149 बाघ
  • मलेशिया – 120 बाघ
  • बांग्लादेश –106 बाघ
  • भूटान – 103 बाघ
  • चीन – 55 बाघ
  • म्यांमार – 22 बाघ