उच्च न्यायपालिका में आरक्षण, गरीबों को EWS का वादा… 2024 के लिए कांग्रेस का प्लान
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस पार्टी के 85वें अधिवशेन के आखिरी दिन यानी रविवार को कई प्रस्ताव लाए गए हैं. पार्टी ने उच्च न्यायपालिका में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने पर विचार करने का वादा किया.
कांग्रेस का तीन दिनों तक चलने वाला 85वां अधिवेशन रविवार को खत्म हो गया. अधिवेशन के आखिरी दिन पार्टी ने जाति आधारित जनगणना का जिक्र करते हुए उच्च नायापालिका में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST)और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण पर विचार करने का वादा किया. इसके साथ-साथ पार्टी ने आम बजट का एक हिस्सा इनके लिए निर्धारित करने और गरीब तबकों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के कोटे में शामिल करने का भी वादा किया.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिवेशन में पार्टी की ओर से लाए गए प्रस्ताव में कहा गया है, ‘पार्टी उच्च न्यायपालिका में आरक्षण पर विचार करेगी. न्यायपालिका को भारत की सामाजिक विविधता का प्रतिबिंब बताते हुए पार्टी ने इसमें एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर विचार करेगी. इसके साथ-साथ भारतीय न्यायिक सेवा के सृजन के लिए सुधार किए जाएंगे.’
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LAC पर क्षमताओं को तत्काल बढ़ाने पर जोर
अधिवेशन में अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भी प्रस्ताव लाया गया जिसमें पार्टी ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की. पार्टी ने कहा कि देश की जनता को बिना किसी भ्रम में डाले इस बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए. पार्टी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के किसी भी सैन्य बल के प्रयोग के प्रयास को रोकने के लिए भारत को अपनी क्षमताओं को तत्काल बढ़ाने की जरूरत है.
चीन के साथ गतिरोध को लेकर केंद्र पर निशाना
पार्टी ने कहा कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए जो भी जरूरत हो उसके लिए सभी उपाय किए जाने की आवश्यकता है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी पूरी दृढ़ता से खड़ी है और प्रतिबद्ध भी. चीन के साथ गतिरोध को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा, अफसोस की बात है कि सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की ओर से बार-बार किए गए उल्लंघनों के बारे में देश की जनता को अंधेरे में रखा.
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कांग्रेस पार्टी ने आगे कहा, सरकार ने इस मुद्दे पर लोगों को विश्वास में नहीं रखा. सरकार के इस रवैये ने चीन को और भी आक्रामक होने के लिए प्रोत्साहित किया है. कांग्रेस पार्टी के इस अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं थीं.