Pune Porsche Car accident: 12 जून तक ऑब्जर्वेशन होम में ही रहेगा आरोपी नाबालिग, माता-पिता की भी बढ़ी रिमांड

Pune Porsche Car accident: 12 जून तक ऑब्जर्वेशन होम में ही रहेगा आरोपी नाबालिग, माता-पिता की भी बढ़ी रिमांड

पुलिस की मांग पर अदालत ने आरोपी के माता-पिता की रिमांड को 10 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को पिछले महीने 19 मई को दुर्घटना के बाद नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी नाबालिग की रिमांड को भी 12 जून तक के लिए बढ़ा दिया है.

पुणे पोर्शे कांड में हर दिन कोई ना कोई नई बात सामने आ रही है. बीते दिनों ये बात सामने आई थी की आरोपी नाबालिग की मां ने आरोपी के ब्लड सैंपल को बदला था. अब ये बात सामने आई है की आरोपी की मां ने बेटे की जगह अपने ब्लड सैंपल दिए थे. फॉरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टी हुई है की बदले गए ब्लड सैंपल आरोपी की मां के थे. आरोपी की मां को पुलिस ने एक जून को गिरफ्तार किया था.

पुलिस की मांग पर अदालत ने आरोपी के माता-पिता की रिमांड को 10 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को पिछले महीने 19 मई को दुर्घटना के बाद नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि इनमें से एक डॉक्टर नाबालिग के पिता विक्रम अग्रवाल के संपर्क में था.

माता-पिता की भी बढ़ी रिमांड

पुलिस ने आज नाबालिग के माता-पिता, दो डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारी को हिरासत खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद उनकी हिरासत को बढ़ा दिया गया था. अदालत ने डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारी की हिरासत 7 जून तक बढ़ा दी है, जबकि माता-पिता की रिमांड को 10 जून तक के लिए बढ़ाया गया है. इसके अलावा आज खत्म हो रही नाबालिग आरोपी की ऑबजर्वेशन होम की समयसीमा को भी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 12 जून तक के लिए बढ़ा दिया है.

जल्द चार्जशीट दाखिल करेगी पुलिस

इस मामले को पुलिस ने राज्य सरकार से फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही पुणे पुलिस पुलिस ने सरकार से एक विशेष वकील उपलब्ध कराने की भी मांग की है. पुलिस इस महीने के अंत तक सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकती है. इस मामले में गिरफ्तारियों का सिलसिला भी जारी है. 19 मई को नाबालिग आरोपी ने अपनी पोर्शे कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जान ले ली थी. पूरे देश में इस मामले को लेकर काफी गुस्सा है, ऐसे में इस वक्त प्रशासन मामले में बेहद सख्त है. इस केस की जांच अभी जारी है.