झूठ जीत भी जाए तो उसकी विजय थोड़े समय के लिए ही होती है, पढ़ें इससे जुड़ी 5 बड़ी सीख
झूठ बोलना पहली बार आसान हो सकता है, लेकिन बाद में सिर्फ वह परेशानी ही देता है. झूठ से जुड़ी अनमोल सीख को जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपने जीवन में कभी न कभी झूठ न बोला हो. झूठ इंसान की एक ऐसी आदत है जो एक बार लग जाए तो बहुत मुश्किल से छूटती है क्योंकि एक बार बार बोले गए झूठ को छिपाने के लिए इंसान अक्सर झूठ पर झूठ बोलता चला जाता है. जीवन में सच और झूठ के मुकाबले की बात करें तो भी झूठ का बादल सच को बहुत देर तक न ढंक पाए लेकिन सच ये भी है कि जब तक कोई सच जूते पहन रहा होता है, तब तक एक झूठ आधी दुनिया का सफर तय कर चुका होता है.
कहने का तात्पर्य यह कि सच के मुकाबले लोग झूठ पर जल्दी यकीन कर लेते हैं और और वह दुनिया में तेजी से फैलता है, लेकिन सच और झूठ में सबसे बड़ा फर्क यह होता है कि बोले गए झूठ को हमेशा याद रखना होता है, लेकिन सच का रिकार्ड रखने की कभी जरूरत नहीं पड़ती है. आइए जीवन में सच और झूठ के बीच का अंतर और झूठ से होने वाले नफा-नुकसान के बारे में जानने के लिए पढ़ते हैं सफलता के मंत्र.
- झूठ बोलने वाले व्यक्ति से लोग कुछ वैसे ही डरते हैं, जैसे किसी विषैले सर्प से डरते हैं.
- यदि किसी एक झूठ को बोलने से किसी का भला होता हो तो उसे बोलने से कोई पाप नहीं लगता है.
- जीवन में झूठी तारीफ अक्सर उन लोगों को पसंद होती है, जिन्हें जीवन में सच सुनने की आदत नहीं होती है.
- जितना नुकसान एक एक शत्रु दूसरे शत्रु का करता है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान झूठे मार्ग पर लगा हुआ चित्त करता है.
- जीवन में जो व्यक्ति खुद से जयादा आपको चाहता और आप पर विश्वास करता हो, उसे कभी झूठ बोलने की भूल न करें.