‘वो कॉल आया ही नहीं…’ कोलकाता रेप पीड़िता ने आखिरी बार अपने बॉयफ्रेंड से क्या कहा था?
'मैंने उसे रात को 11 बजे फोन किया था... उसने कहा वह बिज़ी है... बाद में बात करेगी... फिर उसका फोन नहीं आया. कभी भी नहीं आया...' ये शब्द उस इंसान के है जो उस रात इंतजार कर रहा था किसी के कॉल का... लेकिन वह कॉल आई ही नहीं...' ये शब्द हैं उस बॉयफ्रेंड के जिसकी प्रेमिका को बिना किसी गलती के उसी की कर्मभूमी पर बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया.
खुबसूरत सी एक शाम थी… जब तुमने मिलने का वादा किया था और मैं इंतज़ार करता रह गया…
एक आखिरी बातचीत… आखिरी अलविदा… इस आखिरी अलविदा की अहमियत आप उस इंसान से पूछ सकते हैं जिसने अपने सबसे प्यारे इंसान को खो दिया और उसको आखिरी बार मिल भी ना पाया. यकीन मानिए ये ऐसा अहसास है जिसे आप यकीनन कभी दोबारा महसूस नहीं करना चाहेंगे. ये एक ख्याल कि काश आप वहां होते… उस आखिरी पल में उस शख्स के पास होते जब वह अपनी आखिरी सांसें ले रहा था… ये बात आपको अंदर तक हिला कर रख देती है. आप जिंदगी भर इसी मलाल में रहते हैं कि बस एक बार… वक्त का पहिया वापस घूम जाए और आपको उस पल में पहुंचा दे ताकी आप आखिरी बार उस शख्स को अलविदा कह पाएं.
वह शख्स जो आपका सबकुछ था… वह शख्स जिसने अपनी आखिरी सांस लेने से पहले आपके बारे में भी जरूर सोचा होगा. जिसने मरने से पहले आपको आवाज दी होगी… लेकिन आप वहां नहीं थे… और इस बात का अफसोस की कमबख्त ये समय वापस क्यों नहीं आता आंसू बनकर आपकी आंखों से बह जाता है…
‘मैंने उसे रात को 11 बजे फोन किया था… उसने कहा वह बिज़ी है… बाद में बात करेगी… फिर उसका फोन नहीं आया. कभी भी नहीं आया…’
ये शब्द उस इंसान के हैं जो उस रात इंतजार कर रहा था किसी के कॉल का… लेकिन वह कॉल आई ही नहीं…ये शब्द हैं उस बॉयफ्रेंड के जिसकी प्रेमिका को बिना किसी गलती के उसी की कर्मभूमी पर बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. पहले उसकी आत्मा को नोचा गया और उसके बाद उसे इतनी बुरी तरह मारा गया कि जिसने भी उसके बारे में सुना उसकी रुह कांप गई. हर तरफ लोग इस जघन्य अपराध की बारिकियों को सुन सदमे में हैं, लेकिन ज़रा उसके बारे में सोचिए जिसके साथ पीड़िता ने सात जन्मों तक का साथ निभाने का सपना देखा था. वह सपना जो अब कभी सच नहीं हो पाएगा. वह तमाम वादे… वह हर अरमान… पीड़िता की देह के साथ ही उसके प्रेमी के वह सारे सपने भी जल गए और बची तो केवल राख़.
एक आस जिसपर टिका है भरोसा…
अब इसी सपनों की राख़ को कलेजे से लगाए पीड़िता का प्रेमी इंतज़ार कर रहा है इंसाफ का… उस इंसाफ का जिसकी आस में पूरा देश बैठा है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज का वह सेमिनार हॉल जहां एक होनहार जुनियर डॉक्टर के शरीर को पहले बुरी तरह से नोचा गया और फिर बड़ी बेरहमी से उसे मौत के घाट उतार दिया गया. उसकी हड्डी टूट गई, चश्मा टूटकर उसकी आंखों में जा घुसा जिसकी वजह से उसकी आंखों से खून बहने लगा. इतनी बेदर्दी… जो केवल एक जानवर ही कर सकता है.
वह कॉल आया ही नहीं…
हादसे के बाद से पीड़िता का पूरा परिवार सदमे में है और सदमे में है उसका बॉयफ्रेंड जिसके साथ पीड़िता शादी की दहलीज तक जाने वाले थी… पीड़िता के इस साथी की ये गुहार है कि उसको इंसाफ दिया जाए. मीडिया से बातचीत करते हुए पीड़िता के बॉयफ्रेंड ने उस रात की कहानी बताई तो वह सिसक उठे. उन्होंने कहा कि रात को 11 बजे उनकी पीड़िता से बात हुई तो वह बिज़ी थी. पीड़िता ने कहा कि वह फ्री होकर बात करेगी… लेकिन फिर वह कॉल कभी नहीं आई. पीड़िता के बॉयफ्रेंड ने जब उसे सुबह फॉन किया तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि वह खुद एक डॉक्टर हैं और वह इस बात के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते थे कि किसी डॉक्टर के साथ इस तरह का क्राइम किया जा सकता है और वह भी वहां जहां उसने इतने लोगों की जानें बचाईं, दिन रात काम किया. ‘वह बहुत अच्छी स्टूडेंट थी’, ये कहते हुए वह सिसकने लगे, ‘हम साथ में एमबीबीएस कर रहे थे. ये किसी एक आदमी का काम नहीं हो सकता… ये जिसने भी किया है उसे सज़ा मिलनी चाहिए…’
उसे इंतजार है तो केवल इंसाफ का…
लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस के बाद विरोध की आग पूरे देश में फैल चुकी है. रेजिडेंट डॉक्टर्स के भारी दबाव के बाद आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल प्रो. संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, लेडी डॉक्टर की हत्या से पहले की रात का वॉट्सऐप चैट भी सामने आया चुका है, जांच सीबीआई को सौंपी गई है…लेकिन सारे शोर के बीच वह पीड़िता… अब मौन धारण कर चुकी है… उसने तो हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर ली… लेकिन वह अपने पीछे उन कई आंसूओं और चीखों को छोड़ गई हैं जिसकी गूंज सड़क से लेकर संसद तक हो रही है… उसे इंतजार है तो केवल इंसाफ का…