2 हजार से अधिक Video, कमाए 10 लाख; महाकुंभ ही नहीं मॉल और शादियों में भी निशाने पर रहती थीं महिलाएं

2 हजार से अधिक Video, कमाए 10 लाख; महाकुंभ ही नहीं मॉल और शादियों में भी निशाने पर रहती थीं महिलाएं

डार्क बेव पर महिलाओं के वीडियो बेचने वाला मुख्य आरोपी महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला प्रज्वल अशोक तैली है. यह कई ग्रुप चलाता है और इसके पास 2000 से ज्यादा वीडियो हैं. आरोपी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र संगम में स्नान करते हुए महिलाओं और लड़कियों की फोटो-वीडियो डार्क वेब पर बेचे जा रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें प्रज्वल अशोक तैली मुख्य आरोपी है. यह महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाला है. यह विदेशी हैकर्स के टच में था. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आरोपी प्रज्वल तैली के पास 2000 से अधिक वीडियो हैं. वह सोशल मीडिया पर कई ग्रुप चलाता है.

पुलिस खुलासे में बताया गया है कि प्रज्वल तैली के पास वीडियो के लिए एक मेनू कार्ड है, जिसमें लगभग 22 विषय हैं. इनमें अस्पतालों, गंगा नदी, मॉल और शादियों से जुड़ी महिलाओं के वीडियो हैं. आरोपी प्रज्वल तैली ने इस वीडियो को बेचकर 7 से 8 लाख रुपए कमाए हैं. पुलिस ने प्रयागराज से चंद्रप्रकाश को भी गिरफ्तार किया है, जो दो महीने से यह ‘गंदा काम’ कर रहा था.

प्रीमियम वीडियो की कीमत 500 रुपये

एक अन्य आरोपी चंद्रप्रकाश प्रयागराज का रहने वाला है. वह अपने यूट्यूब चैनल पर कुंभ की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करता था. चंद्रप्रकाश ने यूट्यूब से मुफ्त में वीडियो प्राप्त किया और उसे अपने चैनल पर अपलोड कर देता था. युवाओं में अश्लील वीडियो देखने की बढ़ती मांग के कारण आरोपी ने यूट्यूब चैनल शुरू किया था. पुलिस खुलासे के मुताबिक, हैकिंग के बाद सामान्य और प्रीमियम ग्रुप बनाए जाते हैं, जिसमें अलग-अलग वीडियो को पैसे लेकर बेचा जा रहा था. सामान्य समूह में वीडियो फ्री में उपलब्ध थे, जबकि प्रीमियम समूह में प्रति वीडियो 500 रुपये से शुरू होने वाली कीमत ली जाती थी.

हैकरों ने किए CCTV हैक

पुलिस खुलासे में बताया गया कि आरोपी सीसीटीवी हैक करके उसके वीडियो फुटेज बेच रहे थे. पुलिस ने बताया कि विभिन्न अस्पतालों के सीसीटीवी भारत के हैकरों द्वारा हैक कर लिए गए थे. इसके बाद भारतीय हैकरों के विरुद्ध साइबर अपराध जांच शुरू की गई है. पुलिस ने इस बात का भी पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है कि इस तरह के कितने गिरोह काम कर रहे हैं. पुलिस सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाए हुए है.