महाराष्ट्र कांग्रेस में फिर फूट! विदर्भ के 24 नेताओं ने की नाना पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग
कांग्रेस की अंदरुनी कलह एक बार फिर सामने आई है. विदर्भ के 24 पार्टी पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को हटाने की मांग कर डाली है.
Congress: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस पार्टी का महाअधिवेशन शुरू है. इस महाअधिवेशन में कांग्रेस के सभी नेता शामिल हो रहे हैं. तीन दिनों के इस अधिवेशन में काई मुद्दों पर मंथन हो रहा है. अधिवेशन के पहले दिन कांग्रेस वर्किंग कमिटी के चुनाव को लेकर फैसला लिया जाने वाला था. अब फैसला लिया गया है कि फिलहाल यह चुनाव नहीं होगा. इसी दौरान विदर्भ के 24 कांग्रेसी नेताओं ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष को हटाने की मांग कर दी है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को हटाने की मांगके साथ ही शिवाजीराव मोघें को अध्यक्ष बनाने की भी मांग की गई है.
नाना पटोले पर शिवाजीराव मोघं के समर्थकों का आरोप है कि नाना पटोले के अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी में गुटबाजी बढ़ गई है. कांग्रेस पार्टी का कभी मुख्य वोट बैंक रहा दलित , आदिवासी और मुस्लिम तबका दूर चला गया है. कांग्रेस नेता रमेश चेन्नथला ने मांग की है कि अब नया प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समाज का कोई शख्स होना चाहिए.
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‘पटोले चला रहे पार्टी में ‘नानागिरी’, हर बात में शुरू है उनकी मनमर्जी’
इसके अलावा नाना पटोले पर यह भी आरोप लगाया गया है कि पार्टी मीटिंग में वे किसी की सुनते नहीं है. अपनी मनमर्जी से फैसले करते हैं. पार्टी में उन्होंने ‘नानागिरी’ चला रखी है.कांग्रेस समिति के सचिव रहमान खान नायडू, सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रकाश मुगदीया, सरदार महेंद्र सिंह सलूजा, इक्राम हुसैन समेत अन्य 21 पार्टी पदाधिकारियों ने रमेश चेन्निथला पार्टी निरीक्षक रमेश चेन्निथला से मुंबई में मुलाकात की. नाना पटोले को हटाने की मांग करने के लिए इन सभी नेताओं के रायपुर के कांग्रेस महाअधिवेशन में जाने की बात पर सहमति हुई.
कुछ दिनों पहले भी कांग्रेस में अंदरुनी विवाद हुआ था तेज
नाना पटोले पर ऐरोगेंट होने का आरोप कांग्रेसी नेता पहली बार नहीं लगा रहे हैं.कुछ समय पहले नाना पटोले और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात के बीच भी मतभेद इतने बढ़ गए थे कि केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ा था. दरअसल नासिक में विधान परिषद के स्नातक सीट पर चुनाव के दौरान सुधीर तांबे को टिकट दिया गया था, उन्होंने ऐन वक्त पर पर्चा नहीं भरा और अपने बेटे सत्यजीत तांबे को चुनाव में खड़ा कर दिया. सत्यजीत तांबे महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात के भांजे हैं.
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फिर मुश्किल में पड़े, नाना पटोले
इस बगावत का आरोप बालासाहेब थोरात को झेलना पड़ा. इसके बाद सत्यजीत तांबे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत कर आ गए. इसके तुरंत बाद नाटकीय रूप से थोरात ने नाना पटोले के खिलाफ झंडा बुलंद करते हुए अपने पद से इस्तीपा दे दिया. बाद में मान-मुनव्वल करके उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी किया गया. इसके बाद नाना पटोले ने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है. लेकिन अब फिर उनके खिलाफ विदर्भ के 24 पार्टी पदाधिकारियों ने आवाज उठाई है और कांग्रेस की अंदरुनी कलह एक बार फिर सतह पर दिखाई दे रही है.