महाराष्ट्र: कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन, अस्वस्थ रहते हुए जीता था 2024 लोकसभा चुनाव
महाराष्ट्र के नांदेड़ से लोकसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वसंत चव्हाण का निधन हो गया. 70 साल की उम्र में हैदराबाद के किम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. अशोक चव्हाण और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. अस्वस्थ रहने के बावजूद भी वे लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल हुए थे.
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नांदेड़ से लोकसभा सांसद वसंतराव चव्हाण का सोमवार को निधन हो गया. वसंत चव्हाण पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. पहले उन्हें नांदेड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से हैदराबाद में भर्ती कराया गया. उनका इलाज हैदराबाद के किम्स अस्पताल में चल रहा था. वहीं, इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली. वंसत चव्हाण ने अस्वस्थ रहते हुए भी 2024 का लोकसभा चुनाव जीता था.
वसंत चव्हाण की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही थी. बीते 13 अगस्त से उनका इलाज हैदराबाद के किम्स अस्पताल में चल रहा था. इलाज से उनके स्वास्थ्य में सुधार आ रहा था, लेकिन अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और उन्होंने हैदराबाद के किस्म अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके जाने से नांदेड़ जिले और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है.
नाना पटोले ने दी श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर वंसत चव्हाण को श्रद्धांजलि दी. नाना पटोले ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद वसंतरावजी चव्हाण के निधन की खबर बेहद चौंकाने वाली है. वह विपरीत परिस्थितियों में भी हमेशा कांग्रेस पार्टी के प्रति ईमानदार रहे. इस दुख में पूरी कांग्रेस पार्टी चव्हाण परिवार के साथ है.”
अशोक चव्हाण ने भी दी श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अशोक चव्हाण ने वसंत चव्हाण के साथ अपनी यादें ताजा कीं. उन्होंने कहा कि वसंत चव्हाण का असामयिक निधन हम सभी के लिए एक सदमा है. यह बहुत दुखद घटना है. अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. लेकिन उनकी सेहत में सुधार आ रहा था. ऐसा लग रहा था कि वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे. लेकिन आज ये बेहद दुखद खबर सामने आई. हमने साथ काम किया है. हमने नांदेड़ जिले के लिए मिलकर काम किया है. उन्होंने हमेशा लोगों के मुद्दों के लिए काम किया है. उनके समय से पहले चले जाने से नांदेड़ जिले को भारी नुकसान हुआ है.