हेल्थ सेक्टर की तकदीर बदलेंगे अंबानी, लेकर आ रहे हैं दुनिया की सबसे सस्ती टेस्टिंग किट

हेल्थ सेक्टर की तकदीर बदलेंगे अंबानी, लेकर आ रहे हैं दुनिया की सबसे सस्ती टेस्टिंग किट

Mukesh Ambani का टरगेट भारत के बढ़ते कंज्यूमर मार्केट में हेल्थकेयर को सस्ता और ब्रॉडर बनाना है. जिसके तहत मुकेश अंबानी का रिलायंस ग्रुप कुछ ही दिनों में 145 डॉलर यानी 12,000 रुपये की जीनोम टेस्टिंग किट की प्लानिंग कर रहा है.

टेलीकॉम और रिटेल के बाद अब Mukesh Ambani हेल्थ सेक्टर की तकदीर बदलने की तैयारी कर रहे हैं. वो दुनिया की सबसे सस्ती टेस्टिंग किट लेकर आने वाले हैं जो बीमारी का पता लगाने में कारगर साबित होगी. ऐसी किट पहले से ही मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन अंबानी की किट मार्केट की मौजूदा कीमतों से 86 फीसदी सस्ती होगी. वास्तव में इस टेस्टिंग का नाम ​Genome Testing हैं. जिसके साथ मुकेश अंबानी का रिलायंस ग्रुप जैनेटिक मैपिंग बिजनस में एंट्री लेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मुकेश अंबानी हेल्थ सेक्टर में किस तरह से एंट्री करने जा रहे हैं.

सबसे सस्ती जीनोम किट

रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी अमेरिकी स्टार्टअप 23एंडमी की ओर से किये हेल्थकेयर ट्रेंड की भारत में एंट्री कराना चाहते हैं. मुकेश अंबानी का टरगेट भारत के बढ़ते कंज्यूमर मार्केट में हेल्थकेयर को सस्ता और ब्रॉडर बनाना है. जिसके तहत मुकेश अंबानी का रिलायंस ग्रुप कुछ ही दिनों में 145 डॉलर यानी 12,000 रुपये की जीनोम टेस्टिंग किट की प्लानिंग कर रहा है. जोकि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे सस्ती टेस्टिंग किट में से एक होगी. स्ट्रैंड लाइफ साइंसेज प्राइवेट के सीईओ रमेश हरिहरन ने प्रोडक्ट को डेवलप किया है. आरआईएल ने इस फर्म को साल 2021 एक्वायर किया था. रिलायंस की इस कंपनी में 80 फीसदी हिस्सेदारी है.

इन बीमारियों का पता लगाने में कारगर होगी किट

जीनोम किट मार्केट में पहले से अवेलेबल हैं, लेकिन वो काफी महंगी है. रिलायंस की किट मार्केट में मौजूद दूसरी कंपनियों के मुकाबले 86 फीसदी कम कीमत की होगी. रमेश हरिहरन के अनुसार इस किट के माध्यम से कैंसर, हार्ट अटैक, न्यूरो से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ जेनेटिक समस्याओं के बारे में पता लगाया जा सकेगा. इससे पहले से ही पता लग जाएगा कि किसी को भी किसी तर​ह की कोई भी बीमारी होने की कितनी संभावना है. हरिहरन ने कहा, ‘यह दुनिया में सबसे सस्ती जीनोमिक प्रोफाइल होगी. हम एक एग्रेसिव प्राइस पॉइंट पर जा रहे हैं, जिससे इसे आसानी से अपनाया जा सके. क्योंकि यह हेल्थकेयर में एक बढ़िया बिजनस बनेगा.’

खड़ी हो जाएगी नई तरह की दौलत

देश की पापुलेशन 140 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है और किफायती जीनोम टेस्टिंग की सुविधा भारत के हेल्थकेयर सेक्टर के लिए नई क्रांति से कम नहीं होगी. क्योंकि इसका फायदा भारत तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि​ साउथ एशियाई देशों और एशिया के दूसरे देशों को भी इसका फायदा होगा. इस मैपिंग के माध्यम से एक नई तरह की दौलत इकट्ठी होगी, जी हां ये दौलत बायोलॉजिकल डेटा के रूप में होगी, जो किसी कीमती खजाने से कम नहीं होगी. इससे फार्मा सेक्टर को दवाओं को तैयार करने में काफी मदद मिलेगी. कंपनियों को पहले से ही जानकारी होगी कि किस तरह​ की बीमारी की दवाओं का प्रोडक्शन ज्यादा करना है और किसी नई बीमारी की दवा पर आरएंडडी पहले से ही शुरू की जा सकेगी. मुकेश अंबानी डेटा को पहले ही न्यू ऑयल की संज्ञा दे चुके हैं.