सड़क पर चलती एंबुलेंस को नहीं दिया रास्ता तो होगा इतने का चालान कि आपने सोचा भी नहीं होगा

सड़क पर चलती एंबुलेंस को नहीं दिया रास्ता तो होगा इतने का चालान कि आपने सोचा भी नहीं होगा

सड़क पर एंबुलेंस को रास्ता ना देना आपको भारी पड़ सकता है. कई बार मरीज की हालत बेहद गंभीर होती है. ऐसे समय पर एंबुलेंस का रास्ता रोकने से मरीज की जान भी जा सकती है. इसलिए मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) 2019 के तहत एंबुलेंस का रास्ता रोकने पर चालान होता है.

अक्सर आपने एंबलेंस के सायरन की आवाज सुनी होगी. यह इसलिए बजाया जाता है, ताकि आगे वाली गाड़ियां एंबुलेंस का जाने का रास्ता दे सकें. अगर कोई भी शख्स एंबुलेंस को रास्ता नहीं देता है, तो उसे भारी जर्माना भरना पड़ता है. ट्रैफिक पुलिस केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम (संशोधन) 2019 के तहत चालान करती है. दरअसल, कई बार एंबुलेंस में मरीज की हालत बहुत गंभीर होती है. उन्हें समय पर इलाज दिया जाना बेहद आवश्यक होता है. इसलिए एंबुलेंस का रास्ता रोकने से पहले सौ बार सोच लें, क्योंकि ऐसा करना जुर्माने को दावत देना है.

कितना होगा जुर्माना?

पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जब रास्ते में एंबुलेंस के फंसने से मरीज की जान चली गई. आज भी सड़क पर देखा जाता है कि कुछ लोग अपना समय बचाने के चक्कर में दूसरे की जान बचाना जरूरी नहीं समझते हैं. इसलिए एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी गाड़ियों का रास्ता रोकने पर दिल्ली पुलिस 10,000 रुपये का जुर्माना वसूलती है. इसके अलावा सामुदायिक सेवा करने की सजा भी मिल सकती है.

पहले कितना था जुर्माना?

सरकार ने 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में कुछ संशोधन किये थे. उस दौरान सरकार ने जुर्माने की राशि बढ़ाने का फैसला किया था. पुराने अधिनियम में एंबुलेंस या कोई दूसरी इमरजेंसी गाड़ी को रास्ता ना देने पर केवल 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान था. पहले के नियमों में एंबुलेंस को रास्ता ना देने वालों के लिए सामुदायिक सेवा की सजा का भी प्रावधान नहीं था. केवल 500 रुपये जुर्माने की व्यवस्था थी.

इन के लिए भी होता है चालान

मोटर वाहन के संशोधित अधिनियम में जुर्माने की राशि काफी बढ़ा दी गई है. अगर कोई शराब या नशीले पदार्थ का सेवन करके गाड़ी चलाता है, तो उसे 10,000 रुपये का जुर्माना और/या 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है. वहीं बार-बार उल्लंघन करने पर 15,000 रुपये और/या साल की जेल हो सकती है. वहीं किशोर द्वारा ड्राइविंग करने पर 25,000 रुपये जुर्माना और/या जेल का भी प्रावधान है.