संसद के बाहर खुद को जलाना चाहता था सागर, पूछताछ में आरोपी का बड़ा खुलासा

संसद के बाहर खुद को जलाना चाहता था सागर, पूछताछ में आरोपी का बड़ा खुलासा

आरोपी सागर शर्मा के परिवार के लोगों का कहना है कि वह 12वीं पास है. वह सेना में शामिल होना चाहता था, और इसके लिए उसने काफी कोशिश भी की थी, लेकिन वह नाकाम रहा. फिर वह बेंगलुरु चला गया जहां कुछ साल रहा. कुछ महीने पहले ही वापस लखनऊ लौट आया और यहां ई रिक्शा चलाने लगा.

संसद में सेंधमारी मामले में आरोपियों से पूछताछ लगातार जारी है. इन आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी किए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सागर ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है कि पहले उसने संसद के बाहर खुद को जलाने की योजना बनाई थी. लेकिन जेल क्रीम खरीदने के लिए ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पाने के कारण उसे इस प्लान को ड्रॉप करना पड़ गया.

जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लखनऊ निवासी आरोपी सागर शर्मा ने पूछताछ के दौरान पुलिस को यह भी बताया कि पहले उनकी योजना कुछ और थी. इस योजना के जरिए सागर को संसद के बाहर खुद को आग लगाना था, लेकिन बाद में इस प्लान को छोड़ दिया गया.

पेमेंट नहीं हो पाने से टालनी पड़ी योजना

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सागर ने यह भी बताया की एक जेल जैसी चीज भी ऑनलाइन खरीदने की योजना बनाई गई थी, जिसे शरीर पर लगाने से आग से खुद को बचाया जा सकता है. लेकिन ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो पाने के कारण जैल नहीं खरीदा जा सका. जिस वजह से संसद के बाहर खुद को आग लगने की योजना को ड्राप करना पड़ गया.

इससे पहले सागर के लखनऊ स्थित घर से एक डायरी मिली है जिसमें उसने लिखा था कि घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है. सागर के परिजनों ने यह डायरी स्थानीय पुलिस को दे दी है. अब इस डायरी को दिल्ली पुलिस को भेज दिया गया है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है. इस डायरी में 2015 से 2021 के बीच लिखा गया है. इनमें क्रांतिकारियों के कुछ विचारों से लेकर कविताएं और उनके विचार लिखे गए हैं.

सेना में शामिल होना चाहता था सागर

डायरी में एक जगह सागर ने लिखा, ‘अब घर से विदा लेने का समय नजदीक आ गया है.’ उसने आगे लिखा कि एक तरफ डर भी है और दूसरी तरफ कुछ भी कर गुजरने की आग भी दहक रही है.’ एक जगह सागर ने यह भी लिखा, ‘दुनिया में ताकतवर लोग वो नहीं होते हैं जो छीनना जानते हैं, ताकतवर व्यक्ति वह है जो हर सुख त्यागने की क्षमता रखता है.’ उसके पास से कुछ खोजी उपन्यास और एडोल्फ हिटलर के मीन कैम्फ (मेरा संघर्ष) किताब भी मिली है.

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परिवार के सदस्यों के हवाले से पुलिस सूत्रों ने बताया कि सागर 12वीं पास है. वह सेना में शामिल होना चाहता था, और इसके लिए उसने कोशिश भी की थी, लेकिन वह नाकाम रहा. फिर वह बेंगलुरु चला गया जहां कुछ साल रहा. कुछ महीने पहले ही वापस लखनऊ लौट आया. यहां आकर उसने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया.

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