शराब की निगेटिव रिपोर्ट दी, थाने में खिलाया पिज्जा… पुणे रोडरेज केस में कैसे घिरी पुलिस?

शराब की निगेटिव रिपोर्ट दी, थाने में खिलाया पिज्जा… पुणे रोडरेज केस में कैसे घिरी पुलिस?

पुणे रोडरेज केस में पुलिस भी सवालों के घेरे में है. आरोपी की पब पार्टी का CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें वह शराब पार्टी करता दिखाई दे रहा है. शुरुआती जांच में पुलिस ने आरोपी की एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव बताई थी. पुलिस पर ये भी आरोप लगे थे कि उसने थाने में आरोपी को पिज्जा-बर्गर तक खिलाया. फिलहाल किरकरी होने के बाद पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने खुद मीडिया के सामने आकर इस पर सफाई दी है.

पुणे रोडरेज केस ने तूल पकड़ा तो पुलिस भी एक्टिव हो गई. भले ही नाबालिग आरोपी को जमानत मिल गई हो, लेकिन उसके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच नाबालिग आरोपी की पब पार्टी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने दोस्तों संग शराब पार्टी करता दिखाई दे रहा है. इस वीडियो को देखने के बाद पुलिस की वह थ्योरी भी खारिज हो गई, जिसमें उसने कहा था कि नाबालिग आरोपी की एल्कोहल टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है. अब इस पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या पुलिस ने बिना टेस्ट किए ही आरोपी की एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव बता दी?

पुणे में तीन दिन पहले जाने-माने बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा वेदांत अग्रवाल (17) पार्टी के लिए शहर के एक पब में गया था. साथ में उसके कुछ दोस्त भी थे. वहां पर इन लोगों ने जमकर शराब पार्टी की. लौटते समय नशे में धुत वेदांत अपने पिता की दो करोड़ की पोर्श कार चला रहा था. इसी बीच रास्ते में साफ्टवेयर इंजीनियर युवक-युवती की बाइक को 200 किमी की रफ्तार से आ रही वेदांत की पोर्श कार ने टक्कर मार दी. टक्कर लगते ही दोनों हवा में उछल पड़े और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई.

आरोपी को किस शर्त पर कोर्ट ने दी जमानत?

हादसे के समय वेदांत की गाड़ी पर उसके दो दोस्त भी थे. एक तो तुरंत वहां से फरार हो गया, जबकि वेदांत और उसके एक अन्य दोस्त की वहां मौजूद लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. सूचना पर पहुंची पुलिस वेदांत और उसके दोस्त को पकड़कर थाने ले गई. यहां पुलिस ने वेदांत से पूछताछ की और दूसरे दिन उसे कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में पेशी के दौरान उसे जमानत मिल गई. कोर्ट ने जमानत के लिए जो शर्तें लगाई, वो ये थीं कि आरोपी को यरवदा मंडल की पुलिस के साथ 15 दिन ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करनी होगी, शराब छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा, आरोपी को सड़क हादसों पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.

हादसे में जान गंवाने वाले युवक-युवती MP के निवासी

इस हादसे में मारे गए दोनों मृतक अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में IT कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर थे. जब हादसे के 15 घंटे के अंदर नाबालिग आरोपी की जमानत का पता मृतकों के माता-पिता को चला तो उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए. दरअसल, पुणे पुलिस ने मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा 304 (ए) लगाई थी. परिजनों ने कहा कि पुलिस को हत्या की धारा लगानी चाहिए थी. पुलिस की लापरवाही से ही आरोपी कोर्ट से जमानत मिली. पुणे पुलिस बिल्डर के हाथों बिक गई है.

थाने में आरोपी को मिला VVIP ट्रीटमेंट!

वहीं इस मामले में एक ये भी जानकारी सामने आई कि हादसे के बाद NCP अजीत पवार गुट के स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे थाने गए थे. उन्हीं ने पुलिस के ऊपर दवाब डाला कि मामले में हल्की धाराएं लगाएं. उन्हीं के कहने पर पुलिस ने नाबालिग आरोपी को थाने के अंदर VVIP ट्रीटमेंट मुहैया कराया था. उसे पिज्जा-बर्गर तक खिलाए गए थे. मामले में अपना नाम घसिटता देख सुनील टिंगरे ने इस पर सफाई दी और कहा कि सारे आरोप गलत हैं.

आरोपों पर विधयाक सुनील टिंगरे ने दी सफाई

विधायक सुनील टिंगरे ने कहा, “मेरे कार्यकर्ताओं ने मुझे फोन करके बताया कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एक बड़ी दुर्घटना हो गई है. चूंकि विशाल अग्रवाल मेरे परिचित के थे तो उन्होंने ने भी फोन कर बताया कि बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के रूप में मैं घटनास्थल पर गया और फिर यरवदा पुलिस स्टेशन गया. पुलिस स्टेशन में उन्हें हादसे की पूरी जानकारी दी गई. मैंने वहां पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने को कहा. मैंने किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं डाला.

पुलिस ने आरोपी की एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव बता दी

वहीं पुणे पुलिस भी तब सवालों के घेरे में आ गई, जब उसने नाबालिग आरोपी की एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव बता दी, जबकि पब का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी पब में दोस्तों संग जाम छलका रहा है. थाने में आरोपी की खातिरदारी, मुकदमे में लगाई गई धारा और एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव देख जब पुलिस की किरकिरी हुई तो खुद पुलिस कमिश्नर को मामले में सफाई पेश करनी पड़ गई.

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि, “हमने आरोपी पर धारा 304 लगाई थी. हमने अदालत से अनुरोध किया है कि आरोपी पर नाबालिग की तरह नहीं, बल्कि वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाए. हम इस केस को पूरी ताकत से लड़ेंगे. 304 गैर जमानती वारंट है. धारा 75, 77 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल, पब के मैनेजर समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है.”

आरोपी के बल्ड सैंपल जांच के लिए भेजे गए

वहीं जब ये पूछा गया कि क्या आरोपी की अल्कोहल रिपोर्ट नेगेटिव आई है? इस पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कोई निगेटिव रिपोर्ट नहीं है. आरोपी की ब्लड रिपोर्ट ले ली गई है. ब्लड सैंपल दो जगहों पर जांच के लिए भेजे गए हैं. अभी रिपोर्ट आना बाकी है. क्या पुणे पुलिस पर कोई दबाव है? इस सवाल पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है. हम पहले दिन से ही कानूनी मामले संभाल रहे हैं. पुणे पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं. अगर कोई इससे भी सख्त कार्रवाई का सुझाव देता है तो हम तैयार हैं.

आरोपी शराब पीने का आदी था, पिता को पता थी ये बात

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक SIT टीम का गठन किया गया है. हम CCTV फुटेज, ऑनलाइन पेमेंट की जांच कर रहे हैं. दो CCTV फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें नाबालिग आरोपी पब में बैठकर शराब पीते दिख रहा है. नाबालिग से पूछताछ में ये भी पता चला है कि वह शराब पीने का आदी है. इस बात की जानकारी उसके पिता को भी थी. उसे ठीक से कार चलानी भी नहीं आती, फिर भी पिता ने पार्टी में जाने के लिए उसे अपनी पोर्श कार दे दी. ये एक बड़ी लापरवाही है.