पुणे पोर्शे हादसा: शराब का पता न लगे… फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के HOD और डॉक्टर अरेस्ट, बदले थे ब्लड सैंपल
पुणे पोर्शे हादसा 19 मई को हुआ था. पोर्शे कार चला रहे नाबालिग लड़के ने बाइक सवार दो लोगों को कल्याणीनगर में टक्कर मार दी थी. इस हादसे में दोनों की मौत हो गई. दोनों इंजीनियर थे. तब मृतकों के घरवालों ने आरोप लगाए कि आरोपी नशे में गाड़ी चला रहा था.
पुणे हिट एंड रन केस इस समय सुर्खियों में है. हादसे वाले दिन नाबालिग आरोपी पोर्शे कार चला रहा था. नशे की आशंका पर आरोपी का ब्लड सैंपल लिया गया था. लेकिन ब्लड रिपोर्ट में शराब की पुष्टि नहीं हुई थी. अब इस पर नया खुलासा हुआ है. आरोपी के ब्लड सैंपल ही बदल दिए गए थे, जिस वजह से ब्लड की जांच रिपोर्ट में अल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई थी. पुलिस ने इस मामले में फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के एचओडी और एक डॉक्टर को अरेस्ट किया गया है.
दोनों डॉक्टरों पर पुलिस को शक है कि इन्होंने ब्लड सैंपल गायब कर दिया था. साथ ही ऐसे शख्स से ब्लड सैंपल को रिप्लेस किया, जिसने नशा न किया हो. यहीं वजह रही कि जब सैंपल की जांच की गई तो शराब की पुष्टि नहीं हो पाई.
दोनों डॉक्टरों पर क्या हैं आरोप?
पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना को अंजाम देने वाले नाबालिग को रविवार को मेडिकल जांच के लिए पुणे के ससून सरकारी अस्पताल ले जाया गया. इसी दौरान बच्चे के घरवालों ने डॉक्टर को पैसों का लालच दिया. डॉ अजय तवरे जो कि ससून अस्पताल में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के प्रमुख हैं और डॉ श्रीहरि हरलोल जो कि इमरजेंसी विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं, आरोप है कि इन्होंने ब्लड सैंपल को बदल दिया.
श्रीहरि हरलोल ने लड़के का ब्लड सैंपल लिया था. लेकिन यह महसूस होने के बाद कि इसमें अल्कोहल हो सकता है, बदलने का निर्णय लिया. इतना ही नहीं, अपराध को छिपाने के लिए खास तौर पर छुट्टी पर चल रहे डाक्टर अजय तावरे ने हस्तक्षेप किया और दूसरे मरीज का ब्लड सैंपल जांच के लिए दिया गया.
दोनों आरोपी अरेस्ट
जिस पोर्शे कार से हादसा हुआ था, उसका रजिस्ट्रेशन आरटीओ की ओर से 12 महीने के लिए रद्द कर दिया गया है. नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेद्र अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों पर आरोप है कि आरोपी नाबालिग को बचाने के लिए दोनों ने घर के एक ड्राइवर को मोहरा बनाया. दोनों ने दबाव बनाकर पुलिस में यह बयान दिलवाया कि गाड़ी नाबालिग नहीं, वह चला रहा था. हालांकि, अब ड्राइवर ने खुद पुलिस को ये सच्चाई बताई है, साथ ही विशाल और सुरेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
कब हुआ हादसा?
पुणे पोर्शे हादसा 19 मई को हुआ था. पुणे के कल्याणीनगर में पोर्शे कार चला रहे नाबालिग लड़के ने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में दोनों की मौत हो गई. दोनों इंजीनियर थे, जिनके नाम अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया हैं. मृतकों के घरवालों ने आरोप लगाए कि आरोपी नशे में गाड़ी चला रहा था. पुणे पोर्शे हादसे में पुलिस की शुरुआती जांच पर भी सवाल उठे. ऐसा कहा गया कि स्थानीय थाने की पुलिस ने जान-बूझकर कम धाराएं लगाईं, जिसकी वजह से जब यह मामला कोर्ट तक पहुंचा तो उसे तुरंत जमानत मिल गई. दरअसल, आरोपी नाबालिग को महज 15 घंटे के अंदर जमानत मिल गई थी.