दिल्ली के 645 सरकारी इमारतों पर लगेंगे रूफटॉप सोलर प्लांट, केजरीवाल सरकार का बड़ा कदम
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार की प्रगतिशील सोलर पॉलिसी पर साझा करते हुए कहा कि, दिल्ली में बिजली की खपत में वृद्धि के बावजूद, हमारा लक्ष्य 2027 तक शहर की 25 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से उत्पन्न करना है.
केजरीवाल सरकार ने राजधानी दिल्ली के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने की दिशा में शानदार कदम उठाया है. इस दिशा में दिल्ली सरकार और एमसीडी के 500 वर्ग मीटर से बड़े 645 इमारतों पर ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. इन सभी प्लांटों की कुल क्षमता 50 मेगावाट होगी. ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इस परियोजना को मंज़ूरी दी. उन्होंने कहा कि, सरकारी इमारतों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने की ये पहल केजरीवाल सरकार के दिल्ली सोलर पॉलिसी का हिस्सा है. इसके साथ हमारा विजन राजधानी में सोलर एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है.
बता दें कि, योजना के तहत, 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले लगभग 645 दिल्ली सरकार/एमसीडी की इमारतें- जिनमें शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, डीटीसी डिपो, डीटीएल सबस्टेशन और अन्य इमारतें शामिल हैं, पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जाएंगे.
ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा
इस विषय में जानकारी साझा करते हुए ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि, 29 जनवरी को कैबिनेट द्वारा पारित दिल्ली सोलर पॉलिसी को भारत में सबसे अच्छी और सबसे प्रगतिशील पॉलिसी में से एक के रूप में देखा जा रहा है. यह पॉलिसी सौर ऊर्जा के रूप में ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा देगी.
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पैसों की बचत और पर्यावरण को फायदा
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि, ये शानदार प्रोजेक्ट सरकारी इमारतों को अपनी बिजली की ज़रूरतों को स्वयं पूरा करने में मददगार तो बनेगा ही साथ ही इससे पैसों की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को भी फ़ायदा होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल के साथ हम अपनी सरकारी इमारतों को अधिक ऊर्जा-कुशल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
दिल्ली में बिजली की खपत में वृद्धि
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार की प्रगतिशील सोलर पॉलिसी पर साझा करते हुए कहा कि, दिल्ली में बिजली की खपत में वृद्धि के बावजूद, हमारा लक्ष्य 2027 तक शहर की 25 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से उत्पन्न करना है. हमारे इस प्रयास का लक्ष्य सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में दिल्ली को देश के दूसरे राज्यों की तुलना में अव्वल रखना है.