मदरसा संचालक नहीं दे रहा था सैलरी, मौलवी ने बेटे को कर लिया किडनैप और फिर…

मदरसा संचालक नहीं दे रहा था सैलरी, मौलवी ने बेटे को कर लिया किडनैप और फिर…

सहारनपुर में 10 साल के मासूम बच्चे को पुलिस ने 72 घंटे में बरामद कर लिया है. अपहरणकर्ता ने मासूम को छोड़ने के लिए 25 लाख की फिरौती की डिमांड की थी और फिरौती न मिलने पर उसकी हत्या की बात भी कही थी. पुलिस ने एक जाल बिछाकर दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर मासूम को सकुशल बरामद कर लिया.

सहारनपुर के गंगोह इलाके के कुंडाकला निवासी इसरार गांव में दारुम महमूदिया नाम से मदरसे का संचालन करते हैं. बीती 24 जनवरी को उनके 10 साल के बेटे शाद का अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया था. मासूम के अपहरण की खबर के बाद परिजनों में कोहराम मच गया था. अपहरणकर्ता ने मासूम को रिहा करने के लिए 25 लाख की फिरौती की डिमांड की थी. मदरसा संचालक इसरार ने पूरी घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी थी.

पहले तो पुलिस आसपास बच्चे की तलाश में कॉम्बिंग करती रही, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला. इसरार को अचानक अपने मोबाइल पर वॉट्सऐप पर एक मैसेज मिला, जिसमें ऑडियो भेजकर 25 लाख की फिरौती की मांग की गई थी और साथ ही धमकी भी दी गई थी कि फिरौती न देने पर उसके बच्चे की हत्या कर दी जाएगी. अपहरणकर्ता ने इसरार को मदरसा भी बंद करने को कहा. इसरार ने गंगोह पुलिस और अधिकारियों से संपर्क कर अपहरणकर्ता द्वारा भेजे गए मैसेज की जानकारी दी.

SSP ने दो टीमों का किया था गठन

SSP सहारनपुर ने बच्चे को सकुशल बरामद करने के लिए दो टीम का गठन किया. टीम ने जिस नंबर से कॉल आई उसे ट्रेस करना शुरू किया. इसके अलावा इसरार को कॉन्फिडेंस में लेकर अपहरणकर्ता को गिरफ्तार करने और बच्चे को बरामद करने के लिए एक जाल बिछाया. इसी बीच अपहरणकर्ता ने इसरार को कुछ अकाउंट नंबर भेजकर फिरौती की रकम उसमें ट्रांसफर करने की बात कही, लेकिन इसरार ने इतने पैसों की व्यवस्था न होने की बात अपहरणकर्ता से कही. इसरार ने अपहरणकर्ता को नकद पैसे देने की बात कही.

अपहरणकर्ता ने इसरार से वॉटसऐप से पैसों की फोटो मंगवाई और जब सोमवार को अपहरणकर्ता फिरौती वसूलने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया. बच्चे का अपहरण करने वाले की जब पहचान हुई और उसने जो बताया, वो काफी हैरान करने वाला था. पुलिस ने बच्चे के अपहरण के आरोप में जिस मौलवी ओसामा को गिरफ्तार किया है, वो इसरार के मदरसे में पढ़ाता था.

24 जनवरी को किया था किडनैप

पुलिस ने जब उससे अपहरण का कारण पूछा तो उसने जो बताया, वो सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. आरोपी मौलवी ओसामा ने बताया कि वो तीन महीने से इसरार के मदरसे में बच्चों को पढ़ा रहा था, लेकिन उसको सैलरी नहीं दी जा रही थी. जब वो अपने पैसे मांगता था तो इसरार उसके साथ बदसलूकी करता था. साथ ही उसकी बेइज्जती भी करता था. इसी का बदला लेने के लिए उसने इसरार के 10 साल के बेटे शाद को 24 जनवरी को पान के अंदर नशीला पदार्थ खिलाकर अपहरण कर लिया और उसे अपने साथ ट्रेन से लखनऊ ले गया.

लखनऊ में बच्चे को छिपाकर रखा था

आरोपी मौलवी ओसामा लखनऊ रहने वाला बताया जा रहा है. लखनऊ जाने के बाद उसने अपने एक साथी अयान की मदद से बच्चे को छिपाकर रखा था. अयान ने ही उसको एक मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया था और उसी मोबाइल से दोनों फोन कर मदरसा संचालक इसरार से फिरौती मांग रहे थे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अयान लखनऊ में ही रहकर मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है और ओसामा भी मोबाइल का काम कर चुका है.

पुलिस ने दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

अयान ने अपने एक ग्राहक का मोबाइल नंबर इस कांड के लिए प्रयोग किया. अयान का कहना है कि उसने मोबाइल नंबर इसलिए प्रयोग किया कि अगर पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो मोबाइल नंबर मालिक ही फंसेगा. फिलहाल पुलिस ने दोनों अपहरणकर्ताओं ओसामा और अयान को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है. साथ ही अपहरण किए गए मासूम को उसके परिवार वालों के हवाले कर दिया है. मासूम शाद के पिता और मदरसा संचालक इसरार का कहना है कि मैंने ओसामा का हिसाब कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद भी न जाने क्यों उसने रंजिश के चलते मेरे बेटे का अपहरण कर लिया.