अब संभल में निकला ‘खजाना’, 400 साल पुराना होने का दावा; प्रशासन ने कब्जे में लिया

अब संभल में निकला ‘खजाना’, 400 साल पुराना होने का दावा; प्रशासन ने कब्जे में लिया

संभल का अमरपति खेड़ा साल1920 के पहले से एएसआई के रिकार्ड में संरक्षित स्थल रहा है. वहां पुराने मिटभांड और सिक्के मिले हैं. लोगों ने कहा कि वहां पहले से पुरानी समाधियां रही हैं. वहीं मिले सिक्के और बर्तनों को प्रशासन ने संरक्षित कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 68 तीर्थ और 19 कूपों के बाद अलीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा में सालों पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं. एएसआई टीम की सूचना पर एसडीएम ने भी दौरा किया और मिट्टी के बर्तन एवं सिक्कों को कब्जे में ले लिया. जिनकी संख्या 300 से 400 बताई जा रही है. एसडीएम ने कहा कि वहां गुरु अमर की समाधि बताई जाती है जो एएसआई के रिकार्ड में संरक्षित है.

अमरपति खेड़ा सन 1920 के पहले से एएसआई के रिकार्ड में संरक्षित स्थल रहा है. वहां पुराने मिटभांड और सिक्के मिले हैं. लोगों ने कहा कि वहां पहले से पुरानी समाधियां रही हैं, जो एएसआई के रिकॉर्ड में है कि गुरु अमर की समाधि थी. जब उसे संरक्षित किया गया था, गुरु अमरा पृथ्वीराज चौहान समकालीन माने जाते हैं. वहां पर अभी तक करीब 400 पुराने सिक्के मिले हैं. जानकारी के मुकाबिक, अल्लीपुर खुर्द में अभी भी कई ऐतिहासिक चीजें होने की बात सामने आ रही है. प्रशासन उन चीजों को खोजने पर विचार विमर्श कर रहा है.

4 सौ साल पुराने मिले बर्तन- सिक्के

संभल के एक गांव में सैकड़ों साल पुराने सिक्के एवं बर्तन मिले हैं. वहीं एएसआई संरक्षित क्षेत्र में मिली प्राचीन धरोहर को एसडीएम ने संरक्षित कर लिया है. यह पूरा मामला अलीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा का है, जहां कल एएसआई की टीम गई थी. संभल एसडीएम भी गुरुवार को अमरपति खेड़ा पहुंचीं. जहां चार सौ साल पुराने सिक्के और बर्तन मिले हैं.

प्रशासन ने किया संरक्षित

एएसआई संरक्षित क्षेत्र में चार सौ साल पुराने सिक्के एवं मिट्टी के बर्तन मिले हैं. जिन्हें एसडीएम ने संरक्षित कर लिया है. इलाके में सैकड़ों साल पुरानी समाधियां होने का दावा किया जाता रहा है. अमरपति खेड़ा प्रथ्वीराज कालीन अमरगुरु का बताया जाता है. फिलहाल प्राचीन, ऐतिहासिक धरोहर मिलने के बाद प्रशासन की अमरपति खेड़ा पर नजर बनी हुई है.

एसडीएम ने क्या कहा?

एसडीएम डॉ.वंदना मिश्रा भी मौके पर पहुंचीं. उन्होंने जायजा लेते हुए मिट्टी के बर्तन और सिक्कों को कब्जे में ले लिया, जो हजारों साल पुराने बताए जा रहे हैं. एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा ने कहा कि वहां पर कल एएसआई की टीम गई थी. उस स्थल को अमरपति खेड़ा के नाम से चिह्नित किया. अमरपति खेड़ा पूर्व से एएसआई द्वारा 1920 से संरक्षित स्थल रहा है वहां पुराने मिटभांड और सिक्के मिले हैं.