16 साल पहले बनाया सोलर पार्क, केपी ग्रुप के CMD डॉ. फारुक पटेल ने कैसे खड़ी की 160 बिलियन की कंपनी
भरुच के त्रालसा कोठी गांव को छोड़कर सूरत में बसे डॉ. फारुक पटेल ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया में नाम रोशन किया है. उनकी यह सक्सेस स्टोरी हर किसी को प्रेरणा देने वाली है. भरूच जिले में बोया गया यह बीज आज वटवृक्ष बन चुका है. इस शख्स ने कैसे अपनी जन्मभूमि को सूर्य की किरणों से चमका दिया है, जानते हैं इस रिपोर्ट में.
रिन्युएबल एनर्जी समय की मांग है और यही वजह है कि आज की तारीख में इस क्षेत्र की बिजनेस गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही है. बचत, स्वरोजगार और पर्यावरण की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए केपी ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. फारुक पटेल की पहल ने एक नया मुकाम हासिल किया है. उन्होंने गुजरात के सूरत में रिन्युएबल एनर्जी ऑर इन्फ्रास्ट्र्क्चर डेवलपमेन्ट के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. आज केपी ग्रुप का बिजनेस अम्पायर 160 बिलियन से ज्यादा का हो गया है. उनकी तीन कंपनी केपीआई ग्रीन एनर्जी लि. केपी एनर्जी लि. और केपी ग्रीन इंजीनियरिंग लि. स्टोक मार्केट में लिस्टेड है. वह 35 से अधिक कंपनी के मालिक हैं.
वाईब्रेंट गुजरात में 17690 का एमओयू
केपी ग्रुप ने हाल ही में वाईब्रेंट गुजरात के तहत 17690 रुपये का एमओयू साइन किया है. कंपनी ने भरूच के अलावा भावनगर, कच्छ, सुरेन्द्रनगर, पोरबंदर जैसे कई जिलों में विंड फार्म इंस्टॉल किए हैं और हाइब्रिड पर काम किया है. कंपनी का टोटल पोर्टफोलियो 3.7 गीगावोट्स का है. कंपनी इकरा (A-) रेटिंग धारक है.
डॉ. फारुक पटेल के विजन से केपी ग्रुप ने अब भरूच के ही वागरा गांव में 26 विंड टर्बाइन इंस्टॉल करने की दिशा में काम शुरू किया है. केपीआई ग्रीन एनर्जी और केपी एनर्जी की मार्केटकैप 13892 करोड़ रुपये (23 फरवरी-2024) है. ग्रुप की फ्लैगशीप कंपनी केपी ग्रीन इंजीनियरिंग हाल में एमएसई प्लेटफोर्म पर देश का सबसे बड़ा आईपीओ 189.50 करोड़ का लॉन्च किया. पहले ही दिन यह कंपनी का मार्केट कैप 1050 करोड़ पर जा पहुंचा.
जन्मभूमि में से है खास लगाव
सूरत की भूमि से उनका खास लगाव है. क्योंकि यह उनकी जन्म भूमि भी है. यही वजह है कि उन्होंने अपने ग्रुप का नाम केपी यानि कोठी गांव के पटेल से रखा है. डॉ. फारुक पटेल के पिताजी गुलाम पटेल स्टेट ट्रान्सपोर्ट की बस में कंडक्टर के तौर पर महज 700 रुपए के वेतन की नौकरी करते थे. 1973 में उनका तबादला भरुच से सूरत हुआ. फारुक यहीं पले-बढ़े. एजुकेशन ली और एक लाख की जमा पूंजी से 1994 में केपी ग्रुप की शुरुआत की. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट, फेब्रिकेशन-गेल्वेनाइजिंग का काम शुरू किया.
आज से 16 साल पहले उन्होंने रिन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में प्रवेश किया. उन्होंने अपनी जन्मभूमि भरूच जिले के त्रालसा कोठी गांव के करीब के गांव सुडी-समनी में जमीन खरीद की. यहां पहला सोलर पार्क पांच मेगावोट्स का लगाया. कहते हैं जब उन्होंने सोलर पार्क का आइडिया भरूच में रखा तो लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन आज यही सुडी-समनी गांव में 250 एकड़ से अधिक जमीन में उनका गुजरात का सबसे बड़ा प्राइवेट सोलर पार्क है.
25 से अधिक गांवों में लगाए सोलर पार्क
फारुक यहीं नहीं रुके, पूरे भरूच जिले के अलग-अलग 25 से अधिक गांवों में उन्होंने सोलर पार्क लगाए. उसमें हाइब्रिड प्लांट भी शामिल है. वेसे पूरे गुजरात में देखा जाए तो केपी ग्रुप के 32 सोलर-हाइब्रिड प्लांट्स हैं ऑर 380 मेगावॉट्स का प्लांट रनिंग है. केपी ग्रुप ने टोटल 1.1 गीगावॉट्स रिन्युएबल एनर्जी (सोलर ऑर विंड) प्लांट कमिशनिंग किया है. कंपनी के पास 2.6 गीगावॉटस् प्रोजेक्ट पाइपलाईन में है. खास बात यह कि केपी ग्रुप के पास भरूच जिले के कोरा गांव में सबसे पहले सात विंड टर्बाइन इंस्टॉल करने का रिकार्ड है. कंपनी के पास आज 2000 एकड़ से अधिक का लैंड बैंक है.
सालाना 53,000 मैट्रिक टन का प्रोडक्शन
देश में मोस्ट प्रमोशिंग ब्रांड और बेस्ट ब्रांड का अवॉर्ड भी कंपनी को मिला है. केपी ग्रुप की फ्लैगशीप कंपनी केपी ग्रीन इंजीनियरिंग लिमिटेड गेल्वेनाइजिंग-फैब्रिकेशन फील्ड में काम करती है. यह कंपनी रिन्युएबल एनर्जी में मुख्य सपोर्टिंग रोल निभा रही है, कंपनी की सालाना 53,000 मैट्रिक टन की प्रोडक्शन कैपेसिटी है और मदर विलेज (भरूच) में ही 2.94 लाख मैट्रिक टन के कैपेसिटी वाला नया वर्कप्लेस डेवलप कर रही है. यानी भरुच में डॉ. फारुक बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहे है. कंपनी के पास 2000 से अधिक किलोमीटर का वी-आई का एफआरटी वर्क भी है.
इनोवेशन, टैलेन्ट, क्रिएटिवीटी मैनेजमेन्ट के लिए डॉक्टरेट
केपी ग्रुप के सीएमडी डॉ. फारुक पटेल को अपने काम में इनोवेशन, टैलेन्ट , क्रिएटिवीटी मैनेजमेन्ट के लिए अमेरिकन ईस्ट-कोस्ट यूनिवर्सिटी ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी दी है. डॉ. फारुक नया करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 16 स्टेट में मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन का काम भी किया. उस समय उन्होंने कंपनी को एक टॉवर में अनेक नेटवर्क का आइडिया दिया और उस पर काम कर के भी दिखाया. सोलर पार्क में प्लॉट सेलिंग से करीब 1500 से अधिक लोगों के 25 साल के लिए फिक्स आमदनी भी उपलब्ध कराई. भरुच जिले जंबुसर तालुका के कोरा गांव में पहली बार सात विंड टर्बाइन इंस्टॉल कर उन्होंने एनर्जी सेक्टर को चौंका दिया.
ग्रीन हाइड्रोजन-एमोनिया के प्रोजेक्ट पर काम
हालांकि ऐसी मान्यता थी कि विंड मिल गुजरात में सिर्फ सौराष्ट्र, कच्छ क्षेत्र में ही अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. अब डॉ. फारुक ग्रीन हाइड्रोजन-एमोनिया का पायलट प्रोजेक्ट कर रहे हैं. वह भी भरुच के सुडी गांव जहां पर उन्होंने पहला सोलर पार्क लगाया. वह दिल के भी अच्छे हैं, बच्चों को बेहतर एजुकेशन देने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. केपी ग्रुप के सीएसआर आर्म केपी ह्युमन डेवलपमेन्ट के तहत करीब 11 हजार स्टूडेंट्स लाभ ले रहे हैं. जिसमें यूपीएससी-जीपीएससी और कॉम्पिटेटिव एक्जाम के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं. केपी ह्युमन देश का पहला दिव्यांगों का वृद्धाश्रम भी बना रही है, वह भी भरूच के झघडिया गांव में है.
डॉ. फारुक के लिए यह पंक्ति जरूर कह सकते हैं कि चंद दिनों का इश्क हम करते नहीं, गांव के आशिक है जनाब हर किसी पे मरते नहीं.