मलेरिया के खिलाफ पड़ोसी देशों के साथ भारत का एक्शन प्लान, 2025 तक जड़ से उखाड़ फेंकने की है तैयारी
साउथ ईस्ट एशिया के देशों ने मिलकर अब मलेरिया के खिलाफ जंग छेड़ने का मन बना लिया है, इतना ही नहीं इन देशों ने 2025 तक मलेरिया को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है.
नई दिल्ली. भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के कई ऐसे देश हैं जहां अब भी मलेरिया जानलेवा है. तमाम कोशिशों के बावजूद इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया के रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर पूनम छेत्रपाल सिंह ने बताया कि इस इलाके से मलेरिया को खत्म करने के लिए नई रणनीति बनाई गई है. इस रणनीति के तहत कोशिश यह है कि साल 2025 तक पूरे रीजन को मलेरिया से मुक्त किया जाए.
नई रणनीति की जरूरत
डॉक्टर पूनम छेत्रपाल ने कहा की इसके लिए खास तौर पर प्लान किया जा रहा है. जिसके लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है. इस माध्यम से गरीब से गरीब लोगों तक जल्द से जल्द नई तकनीक को पहुंचाने की कवायद की जाएगी. इससे इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाया जा सकेगा. उन्होंने कहा की ऐसा करने से वैश्विक स्तर पर मृत्यु दर को कम करने में काफी मदद मिलेगी.
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रुक नहीं रहा मौत का सिलसिला
डब्लूएचओ के अनुसार तमाम कोशिशों के बावजूद मलेरिया से होने वाले मौत का सिलसिला कम जरूर हो रहा है लेकिन रुक नहीं रहा है. साल 2020 में 625000 की तुलना में विश्व स्तर पर मलेरिया से साल 2021 में अनुमानित 619000 लोग मारे गए. 2020 में 245 मिलियन की तुलना में मलेरिया के अनुमानित 247 मिलियन नए मामले थे.
नया टारगेट तय किया गया है
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की ओर से साल 2025 तक मलेरिया के इस क्षेत्र से उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है. पिछला लक्ष्य इस क्षेत्र में काफी कारगर रहा था. 2020 के अंत तक, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र एकमात्र डब्ल्यूएचओ क्षेत्र था जिसने 2015 की तुलना में मलेरिया के मामलों की घटनाओं और मृत्यु दर में 40 प्रतिशत तक की कमी हासिल किया था. कोविड-19 के बावजूद मालदीव और श्रीलंका ने मलेरिया-मुक्त स्थिति को जारी रखा है.
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