पहले लगाया गले फिर किया किस… तुर्की में ऐसे दिल जीत रही इंडियन आर्मी
भारत समेत दुनिया के कई देश अपने गिले शिकवे को भुलाकर तुर्की और सीरिया की मदद कर रहे हैं. तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में 19300 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं.
तीन शक्तिशाली भूकंप ने तुर्की और सीरिया को पूरी तरह से तबाह कर दिया. हजारों जिंदगियां काल के गाल में समा गईं. शहर के शहर खंडहर में तब्दील हो गए. किसी के सिर से पिता का साया उठ गया तो कइयों मां की आंचल सुनी हो गई तो वहीं किसी किसी का तो पूरा परिवार ही मलबे में समा गया. शवों को निकालने का सिलसिला अब भी जारी है.
लोग अभी भी इस मलबे में अपनों को तलाश कर रहे हैं. तबाही के बीच कुछ चमत्कार भी हो रहे हैं. खंडहर से अभी भी कुछ लोग जिंदा निकाले जा रहे हैं. इसी उम्मीद को बांधे लोग अभी भी मलवे में अपनों की जिंदगी ढूंढ रहे हैं. उन्हें कहीं न कहीं ये आस है कि इस खंडहर में शायद कोई अपना जिंदा मिल जाए.
भारत ने चलाया ‘ऑपरेशन दोस्त’
भारत समेत दुनिया के कई देश गिले शिकवे को भुलाकर तुर्की और सीरिया की मदद कर रहे हैं. भारत इन दोनों देशों के लोगों को बचाने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया है. ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत भारतीय सैनिक तुर्की के खंडहर से कइयों के अपने और सपने को निकाल रहे हैं. मलबे में दबे लोगों की जिंदगियां बचाने में लगे हैं. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में तुर्की की एक महिला भारतीय महिला सैनिक को किस देते नजर आ रही हैं. यह तस्वीर वाकई दिल जीतने वाली है.
दिल जीतने वाली तस्वीर
We Care.#IndianArmy#Türkiye pic.twitter.com/WoV3NhOYap
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) February 9, 2023
NDRF ने 6 साल की बच्ची को मलबे से सुरक्षित निकाला
तुर्की में राहत एवं बचाव अभियान में शामिल भारत के एनडीआरएफ के एक दल ने गंजियातेप में मलबे से छह साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बच्ची को सुरक्षित निकाले जाने का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘इस प्राकृतिक आपदा में तुर्किये के साथ हैं. भारत का एनडीआरएफ जमीनी स्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चला रहा है. भारतीय दल ने आज गंजियातेप के नूरादागी से छह साल की बच्ची को सफलतापूर्वक मलबे से बाहर निकाला.’
Standing with Türkiye in this natural calamity. Indias @NDRFHQ is carrying out rescue and relief operations at ground zero.
Team IND-11 successfully retrieved a 6 years old girl from Nurdagi, Gaziantep today. #OperationDost pic.twitter.com/Mf2ODywxEa
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) February 9, 2023
भारत ने भेजा 100 से अधिक NDRF पर्सनल
सोमवार को आए तीन शक्तिशाली भूकंप में तुर्की और सीरिया के कई शहर बुरी तरह बर्बाद हो गए. विश्व के कई देशों ने वहां राहत कार्यों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत ने 100 एनडीआरएफ के तलाश एवं बचाव दलों, मेडिकल दलों और राहत सामग्री फौरन तुर्की भेजने का सोमवार को फैसला किया था. तुर्की को हर संभव मदद देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारत इस चुनौतीपूर्ण क्षण में अपनी एकजुटता व्यक्त करता है.’
तुर्की में 30 बेड वाला अस्पताल
जयशंकर ने कहा, ‘एनडीआरएफ के 100 तलाश एवं बचाव कर्मियों, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते, ड्रिल मशीन, राहत सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ प्रथम भारतीय सी-17 उड़ान अदन, तुर्की पहुंच गया है.’ तुर्की में 30 बिस्तरों वाला एक चिकित्सा केंद्र संचालित करने के लिए मेडिकल दलों को एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, हृदय की निगरानी करने वाले उपकरणों से लैस किया गया है.
Indian @NDRFHQ teams have now reached Gaziantep and commenced search and rescue operations.
Wish them the very best in their efforts. #OperationDost pic.twitter.com/SG9JCvQWuU
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 8, 2023
तुर्की की मदद के लिए 99 सदस्यीय मेडिकल टीम
थल सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘सेना ने भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद के लिए 99 सदस्यीय एक मेडिकल टीम बनाई है.’ सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘टीम में चिकित्सीय विशेषज्ञ और 30 बिस्तरों का चिकित्सीय केंद्र बनाने के लिए एक्स-रे मशीन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र तथा संबंधित चिकित्सीय उपकरण शामिल हैं.’ भारतीय सेना के दल में महिलाएं भी शामिल हैं.
सेना के चिकित्सा दल को दो विमानों में भेजा गया है. भारतीय वायु सेना का सी-130जे विमान मंगलवार देर रात को राहत सामग्री लेकर सीरिया रवाना हुआ. तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत की सहायता की सराहना की. बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप में 19300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. (भाषा से इनपुट के साथ)