कान्हा की कृपा पाने के लिए जन्माष्टमी पर क्या करें और क्या न करें
Shri Krishna Janmashtami 2022 का व्रत सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने और कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है. इस पावन व्रत को करते समय क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के पूर्णावतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है क्योंकि उनकी पूजा और भक्ति जीवन से जुड़े सभी भय को दूर करके सुख-समृद्धि और सफलता दिलाने वाली मानी गई है. मान्यता है कि सच्चे मन से साधना और सुमिरन करने मात्र पर भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों को बचाने के लिए दौड़े चलते आते हैं. यही कारण है कि उनके भक्तों को भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष में पड़ने वाले जन्माष्टमी पर्व का पूरे साल इंतजार बना रहता है. सभी सुखों को दिलाने और कामनाओं को पूरा करने वाले जन्माष्टमी व्रत को सफल बनाने के लिए आपको क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए आइए उसे विस्तार से जानते हैं.
जन्माष्टमी पर भूलकर न करें ये काम
- भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में भूलकर भी बासी या मुरझाए फूल का प्रयोग न करें. यदि संभव हो तो पूजा में कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं.
- भगवान श्रीकृष्ण को गाय से बहुत प्रेम था. ऐसे में जन्माष्टमी के पर्व पर भूलकर भी गोवंश को मारना या सताना नहीं चाहिए, अन्यथा पूजा और व्रत का फल नहीं मिलता है.
- जन्माष्टमी के व्रत को रखने वाले को भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इस पावन व्रत को रखने वाले व्यक्ति को एक दिन पूर्व से ही लहसुन, प्याज, मांसहार, शराब जैसी चीजों का त्याग कर देना चाहिए.
- जन्माष्टमी में किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाना चाहिए और न ही किसी भी व्यक्ति को अपशब्द कहना चाहिए.
- जन्माष्टमी पर न तो तुलसी की पत्तियां तोड़नी चाहिए और न ही किसी पेड़-पौधे को काटना चाहिए. जन्माष्टमी की पूजा के लिए तुलसी दल एक दिन पूर्व ही तोड़कर रख लेना चाहिए.
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भूलकर भी काले वस्त्र पहनकर पूजा न करें. इसकी बजाय पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें ये काम
- जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते समय उन्हें उनकी प्रिय चीजें जैसे मोरपंख, गाय के दूध से बनी खीर, पंचामृत, मिठाई, मक्खन आदि अवश्य चढ़ाएं.
- जन्माष्टमी पर पूजा करते समय शंख का प्रयोग अवश्य करें और इसी के माध्यम से अपने लड्डू गोपाल को स्नान कराएं.
- लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं.
- श्री कृष्ण की पूजा करने के बाद अपनी मनोकामना को मन में कहते हुए झूला जरूर झुलाएं.
- जन्माष्टमी के पावन पर्व पर यदि संभव हो तो सारी उनके जन्म होने के खुशी में भजन, कीर्तन एवं जागरण करें.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)