गर्दन तक फंसा इंसान… स्टील के बर्तन और खाली हाथ, ऐसे कैसे बचेगी जिंदगी!

गर्दन तक फंसा इंसान… स्टील के बर्तन और खाली हाथ, ऐसे कैसे बचेगी जिंदगी!

सीरिया में मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और जिंदगियां बचाने के लिए सही तरीके के हथियार और संशाधन तक नहीं हैं. यह सब उस पर लगे पाबंदियों की वजह से हो रहा है.


जलजले के बाद मलबे में गर्दन तक फंसा इंसान… लोगों को टकटकी लगाए देखती उसकी निगाहें… और चारों तरफ फैले सीमेंट, पत्थर तथा सरिया से बने बड़े-बड़े मलबे उसे सुरक्षित बाहर निकलने नहीं दे रही. जान बचाने और सुरक्षित निकालने की कोशिश में जुटे लोगों के पास मदद करने के लिए कुछ खास इंताजामात भी नहीं हैं और वो हाथों, स्टील के छोटे बर्तनों और छिन्नी की मदद से बाहर निकाल रहे हैं, लेकिन ऐसे में तो घंटों लग जाएंगे. खैर, गृह युद्ध की मार झेल रहे सीरिया में ऐसी ढेरों तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं जो हर किसी का दिल रुला देने के लिए काफी है.

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भीषणतम भूकंप के बाद राहत और बचाव अभियान जारी है. भारत समेत दुनिया के कई देशों की ओर से लगातार मदद भी पहुंचाई जा रही है, लेकिन पहले से ही गृह युद्ध की वजह से कमजोर हो चुके सीरिया में बचाव और राहत अभियान भी सही तरीके से नहीं हो पा रही है.

गृह युद्ध की मार झेल रहा सीरिया

आए दिन बम धमाकों और एक दशक से गृह युद्ध का सामना कर रहे सीरिया में भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक शख्स मलबे में बुरी तरह से दबा हुआ है और सिर को छोड़कर उसका पूरा शरीर मलबे में फंसा है. वह बिना हिले-डुले चारो तरफ देख सकता है, लेकिन कुछ नहीं कर सकता. उसे बचाने के लिए कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं.

हालांकि मलबे से निकालने के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे तो ऐसा लगता है कि एक शख्स को ही बचाने में कई लोगों को घंटों लग जाएंगे. सकुशल बाहर निकालने की कोशिश करने वालों के पास हथियार के रूप में बाल्टी, छिन्नी के अलावा खाली हाथ हैं. इन सब का इस्तेमाल करते हुए शख्स को बचाने की कोशिश की जा रही है.

प्रतिबंध हटाए जाने की मांग

तुर्की के साथ ही सीरिया में भी राहत और मदद पहुंचाई जा रही है, लेकिन गृह युद्ध की मार झेल रहे देश के लिए यह नाकाफी है. सीरिया में मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और जिंदगियां बचाने के लिए सही तरीके के हथियार और संशाधन तक नहीं हैं. यह सब उस पर लगे पाबंदियों की वजह से हो रहा है. कई लोगों की ओर से प्रतिबंध हटाए जाने की मांग तक की जा रही है.

साल 2011 में सीरिया में गृह युद्ध के बाद ही अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, अरब लीग के साथ ही कई अन्य देशों की ओर से इस देश के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए गए. पिछले 10 सालों में जारी संघर्ष की वजह से सीरिया न सिर्फ कई तरह के वैश्विक प्रतिबंधों की मार झेल रहा है बल्कि अंदरुनी हिंसा ने देश को आर्थिक रूप से खोखला भी कर दिया है. गृह युद्ध के संकट को देखते हुए हजारों की संख्या में लोग अपने वतन को छोड़कर किसी दूसरे देश में भागने को मजबूर हैं. बड़ी संख्या में तो वतन छोड़ने के दौरान किसी दूसरी मुसीबत में फंस गए और उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ी.