कांग्रेस या AAP…दिल्ली में किसके साथ उद्धव की शिवसेना, संजय राउत ने बताया
दिल्ली विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना किसके साथ है, इसको लेकर संजय राउत ने खुलासा किया है. साथ ही उन्होंने एक अपील भी की है. जानें उन्होंने कांग्रेस और केजरीवाल की पार्टी AAP के लिए क्या कहा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो गया है. दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान है. सभी 70 सीटों पर एक चरण में वोट डाले जाएंगे. 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने बड़ा बयान दिया है. उद्धव की शिवसेना ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को साथ चुनाव लड़ने की अपील की है.
दिल्ली चुनाव पर उद्धव गुट के प्रवक्ता ने संजय राउत ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) साथ मिलकर चुनाव लड़े. दिल्ली में किसे समर्थन देना है इस पर हमारी चर्चा शुरू है. अभी हमने कुछ डिसाइड नहीं किया है कि किसे सपोर्ट करना है. हमारा कहना है कि दो साथ मिलकर लड़े. दिल्ली में आप बड़ी पार्टी है. कांग्रेस तो देश में चुनाव लड़ रही है.
हमारी दुश्मन बीजेपी है कांग्रेस और AAP नहीं- संजय राउत
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस हमारे साथ है. इंडिया गठबंधन में आप भी हमारे साथ है. दोनों हमारे दोस्त हैं. दोनों को एकसाथ लड़ना चाहिए. हमारी दुश्मन बीजेपी है कांग्रेस और AAP नहीं. राउत ने पृथ्वीराज चव्हाण के बयान का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली में आप और कांग्रेस साथ लड़े तो अच्छा होगा. उसके समर्थन में उद्धव गुट भी है.
केजरीवाल की पार्टी मजबूत स्थिति में है- पृथ्वीराज चव्हाण
चव्हाण ने कहा कि मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी मजबूत स्थिति में है और दिल्ली चुनाव जीतेगी. संजय राउत ने कहा कि जो अलायंस बना था, जिसने बीजेपी को मजबूती से हटाया वो लोकसभा के लिए था. बाकी चुनाव स्थानीय कार्यकर्ताओ पर छोड़ देना चाहिए. दोनों पार्टियों के बीच पहले से ही राजनीतिक टकराव की स्थिति है.
दिल्ली कांग्रेस के नेता आप सरकार के दस साल के ‘कुशासन’ पर निशाना साध रहे हैं. कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रविरोधी करार दिया था. माकन के इस बयान को लेकर आम आदमी पार्टी ने माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया था.
पहले चर्चा थी कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी मगर बाद में दोनों ही पार्टियों ने इस संभावनाओं को खारिज कर दिया. आप लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करना चाहती है तो वहीं कांग्रेस का पूरा फोकस दिल्ली में अपनी खोई सियासी जमीन को वापस पाने की है.