अब मुजफ्फरनगर की मस्जिद पर विवाद, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली से क्या है कनेक्शन?

अब मुजफ्फरनगर की मस्जिद पर विवाद, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली से क्या है कनेक्शन?

यूपी के संभल के बाद अब मुजफ्फरनगर की मस्जिद विवादों में आ रही है, मस्जिद की जांच के लिए हिंदू पक्ष ने कई याचिकाएं लगाईं जिसके बाद जांच की गई और पाया गया कि मस्जिद को वक्फ की जमीन बताकर बनाया गया था जबकि यह जमीन शत्रु संपत्ति में आती है.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मस्जिद को लेकर फिलहाल बवाल हो रहा है, ऐसा ही कुछ मामला अब मुजफ्फरनगर में सामने आया है. यहां पर रेलवे स्टेशन के सामने एक मस्जिद बनी है जिसके बारे में खुलासा हुआ है कि मस्जिद को वक्फ की जमीन पर नहीं बनाया गया है बल्कि यह मस्जिद शत्रु संपत्ति पर बनाई गई है. इस पर हिंदू पक्ष के लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर लखनऊ तक पूरे मामले की जांच के लिए आवेदन दिया था जिसके बाद यह खुलासा हुआ है. इतना ही नहीं इस जमीन का पाकिस्तान से भी कनेक्शन है.

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरनगर से लेकर लखनऊ तक शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी. इसके बाद जिले स्तर पर टीम गठित की गई थी. टीम ने जांच में पाया है कि यह जमीन भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय देश छोड़कर पाकिस्तान जाने वाले सज्जाद अली पुत्र रुस्तम अली खान की है. वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के भाई हैं. उनकी इस संपत्ति को बाद में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था.

शत्रु संपत्ति पर बनीं मस्जिद

शिकायतकर्ता संजय अरोड़ा ने आरोप लगाया है 1918 में इस जमीन पर कब्जा करके इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति दर्शाकर मस्जिद बनाई गई थी. शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मस्जिद को होटलनुमा आकार का बनाया गया है. इसे मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा पास करवाए बनाया गया है. इतना ही नहीं यहां पर दुकानें भी खोलीं गईं हैं और दुकानदारों से किराया भी वसूला जा रहा है. यह पूरी तरह से गैरकानूनी है.

PAK के पूर्व पीएम के भाई की जमीन

जांच में सामने आया है कि प्रॉपर्टी को बंटवारे के दौरान सज्जाद अली ही छोड़कर गए थे. उनकी इस जमीन को बाद में शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित किया गया था. किन्ही कारणों से जमीन पर मुस्लिम पक्ष ने कब्जा कर लिया और यहां पर मस्जिद का निर्माण कराया गया. तभी से यह जमीन मुस्लिम पक्ष के कब्जे में चल रही है. लखनऊ से भी टीम गठित कर जांच कराई गई थी. गृह विभाग से खंगाली गई जानकारी के मुताबिक यह जमीन शत्रु संपत्ति में आती है.