महंगा होगा Volvo का सफर? इतने बढ़ जाएंगे बस और ट्रक के दाम

महंगा होगा Volvo का सफर? इतने बढ़ जाएंगे बस और ट्रक के दाम

Volvo Bus-Truck Price Hike: इस साल अप्रैल से लागू होने वाले रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) नियमों का पालन करने के लिए ऑटो कंपनियों को अपग्रेडेशन करने होंगे. ऐसे में VECV ने कमर्शियल गाड़ियों के दामों में इजाफा करने का संकेत दिया है.

Volvo Price Hike: 1 अप्रैल से देश में सख्त रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) नियम लागू हो जाएंगे. कडडे उत्सर्जन नियमों का पालन करने के लिए ऑटो कंपनियां लाइनअप को अपडेट कर रही हैं. ये नियम लागू होने के बाद VE कमर्शियल व्हीकल्स (VECV) के अलग-अलग मॉडलों के दाम पांच प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं. वोल्वो ग्रुप और आयशर मोटर्स के जाइंट वेंचर वीईसीवी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) विनोद अग्रवाल ने यह बात कही है.

वीईसीवी 4.9-55 टन जीवीडब्ल्यू के ट्रकों की एक रेंज के साथ-साथ 12 से 72 सीटों की क्षमता वाली बसें बेचती है. अग्रवाल ने कहा, जहां तक ​​लागत वृद्धि का सवाल है, यह BS-IV से BS-VI की ओर शिफ्ट होने जैसा नहीं है. मुझे लगता है कि लागत में तीन से पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए. उनसे एक अप्रैल से लागू होने वाले नए उत्सर्जन नियमों के अनुरूप अपनी गाड़ियों में बदलाव के बारे में पूछा गया था.

अप्रैल तक 100% का टारगेट

अग्रवाल ने कहा कि मॉडल में बदलाव 2022-23 की चौथी तिमाही में चरणबद्ध तरीके से होगा. एक अप्रैल से हम 100 प्रतिशत तक इसके अनुरूप होंगे. इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री वर्तमान में अपने प्रोडक्ट्स को भारत स्टेज छह के दूसरे लेवल के लायक बनाने के लिए काम कर रही है. चार पहिया पैसेंजर और कमर्शियल गाड़ियों को एमिशन स्टैंडर्ड के अगले लेवल को पूरा करने के लिए ज्यादा रिफाइंड एक्विपमेंट्स की जरूरत होगी.

‘सेल्फ डायग्नोस्टिक’ डिवाइस की जरूरत

तत्काल आधार पर एमिशन लेवल की निगरानी के लिए गाड़ियों में ‘सेल्फ डायग्नोस्टिक’ डिवाइस लगानी होगी, जो लगातार गाड़ियों के कलपुर्जों की निगरानी करेगी. अगर किसी गाड़ी में एमिशन तय सीमा से ज्यादा हो रहा है तो लाइट के जरिये इसकी चेतावनी मिलेगी और गाड़ी को रिपेयरिंग करने के लिए भेजना पड़ेगा.

70,000 करोड़ रुपए का निवेश

भारत एक अप्रैल, 2020 से बीएस-चार से बीएस-छह एमिशन रिजीम में गया है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को इसके लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ा है. इससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाली गाड़ियां बनाने में मदद मिलेगी. हालांकि, वोल्वो के बस-ट्रक के दाम बढ़ने से वोल्वो बस के किराए में भी इजाफा हो सकता है.

(इनपुट-भाषा