क्या होता है इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम, कैसे बनाता है आपकी राइड को सुरक्षित
Ignition Interlock System: इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस की मदद से आप अपने सफर को सुरक्षित बना सकते हैं. यह सिस्टम शराब पीकर गाड़ी चलाने से रोकता है. यहां आप देख सकते हैं कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है और इसके क्या फायदे हैं.
Ignition Interlock Device: इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम एक डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कार, ट्रक या दूसरी गाड़ी में किया जाता है. यह पता लगाता है कि ड्राइवर ने शराब तो नहीं पी रखी है. इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस ड्राइवर के ब्लड अल्कोहोल कंटेंट (BAC) पर नजर रखता है और 0.02% होने पर ये डिवाइस गाड़ी चलाने की अनुमति देती है. इसका मतलब है कि अगर आपने नशा किया है और आप गाड़ी चलाने की कोशिश करते हैं तो ये डिवाइस ऐसा नहीं करने देगी. नशे की हालत में गाड़ी ना चलने से खतर टल जाता है और सफर भी सुरक्षित रहता है.
इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने का एक बढ़िया तरीका है. अगर आप भी चाहते हैं कि गाड़ी में इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम होना चाहिए, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. वहीं, इसे लगाने के बाद कुछ ऐसे काम हैं जो आप नहीं कर पाएंगे.
नहीं कर पाएंगे ये काम
ड्राइविंग करते समय शराब नहीं पी सकते: इग्निशन इंटरलॉक लगाने के बात सबसे बड़ी चीज जो आप नहीं कर पाएंगे वो शराब पीकर गाड़ी चलाना है. अगर आपके खून में शराब की मात्रा पाई जाती है तो आप गाड़ी नहीं चला सकते हैं.
खुले में अल्कोहोल नहीं होनी चाहिए: इसका मतलब है कि किसी भी तरह की अल्कोहोल ड्रिंक गाड़ी में ना रखें. खुले पैक में अल्कोहोल होने पर ये डिवाइस आपको रोक सकती है. इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें.
इग्निशन इंटरलॉक कैसे काम करता है?
इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम का सबसे बड़ा मकसद नशे की हालत में ड्राइविंग को रोकना है. गाड़ी स्टार्ट होने से पहले ब्रेथ सैंपल लेकर यह डिवाइस इस बात को सुनिश्चित करती है कि शराब पीकर ड्राइविंग ना की जाए. इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी यह समय-समय पर ब्लड सैंपल लेती है. यह एक अल्गोरिद्म और बॉडी टेंपरेचर आदि के जरिए अल्कोहोल का पता लगाती है.
अगर आपकी अल्कोहोल की मात्रा पाई जाती है तो कार 15 मिनट तक नहीं चलेगी. शराब चेक करने की मशीन से आखिरी बार रीडिंग लेने 15 मिनट बाद ही गाड़ी स्टार्ट होगी.