‘मैं बजरंगी हूं…’, बजरंग दल के सपोर्ट में उतरे बजरंग पूनिया, पहले किया पोस्ट, फिर किया डिलीट

‘मैं बजरंगी हूं…’, बजरंग दल के सपोर्ट में उतरे बजरंग पूनिया, पहले किया पोस्ट, फिर किया डिलीट

Bajrang Punia Support Bajrang Dal: जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन के बीच पहलवान बजरंग पूनिया ने बजरंग दल को सपोर्ट करने वाला पोस्ट कर दिया और कहा मैं बजरंगी हूं. कुछ देर बाद फिर इसे हटा दिया. पिछले 16 दिनों से ये पहलवान बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.

Bajrang Punia Support Bajrang Dal: पिछले करीब 16 दिनों से जंतर-मंतर पर बैठे पहलवान बजरंग पूनिया ने रविवार को अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर बजरंग दल को सपोर्ट करते हुए एक पोस्ट किया. हालांकि, बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया. इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, ‘मैं बजरंगी हूं. मैं बजरंग दल को सपोर्ट करता हूं. जय श्री राम.’ इसके साथ ही इस पोस्ट में अपील भी की गई थी कि सभी बजरंगी भाई इसे अपनी व्हाट्सएप पर डीपी और स्टेटस लगाएं.

बजरंग पूनिया के इस पोस्ट की जब खूब आलोचना होने लगी तब उन्होंने इसे हटा दिया. बता दें कि जंतर-मंतर पर पिछले 23 अप्रैल से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के टॉप पहलवान धरना दे रहे हैं. इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई और पहलवान हैं.

दरअसल, कुछ महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के संगीन आरोप लगाए हैं. इनमें से एक नाबालिक पहलवान भी हैं. दो महिला पहलवानों ने बीते दिनों दिल्ली पुलिस को बताया था कि बृजभूषण ने उनके स्तन पर हाथ लगाया और टीशर्ट उठाकर उके पेट को छुआ.

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Bajrang Punia Support Bajrang Dal

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पहलवानों के समर्थन में कई किसान संगठन

बता दें कि इन पहलवानों के समर्थन में कई किसान संगठन उतर चुके हैं. रविवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत कई नेताओं ने बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की. खाफ पंचायत ने सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया. इसने कहा कि अगर इतने दिनों के अंदर कुश्ती संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं होती है तो फिर वो आगे का रुख अख्तियार करेंगे. इसके बाद आंदोलन का रूप कुछ अलग होगा. बता दें कि बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो FIR दर्ज की थी.

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कर्नाटक में बजरंग दल पर छिड़ा है विवाद

उधर, कर्नाटक में इस समय बजरंग दल को लेकर खूब विवाद छिड़ा हुआ है. दरअसल, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. इसके बाद पूरे राज्य में इसको लेकर बवाल मच गया. बीजेपी ने इस मुद्दे को खूब भुनाया. धीरे-धीरे बजरंग दल का विवाद बजरंगबली तक पहुंच गया. बजरंग दल और बीजेपी के नेता कांग्रेस पार्टी ऑफिस के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने लगे.

कर्नाटक में 10 मई को मतदान

जब इस मामले में पूरे राज्य में तू ल पकड़ने लगा तब कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने पूरे कर्नाटक में हनुमान मंदिर बनाने का ऐलान कर दिया था. इस विवाद से पहले कर्नाटक में कांग्रेस की दशा और दिशा कुछ और थी. मगर इस विवाद के बाद स्थिति पूरी तरह बदल गई. राज्य में 10 मई को मतदान है. 13 मई को वोटों की गिनती होगी. कर्नाटक में बीजेपी दोबारा सत्ता आएगी या कोई उलटफेर होगा. यह देखना दिलचस्प होगा.