हिंडनबर्ग से निपटने के लिए तैयार अडानी, अब इस बड़ी कंपनी से कराएंगे जांच

हिंडनबर्ग से निपटने के लिए तैयार अडानी, अब इस बड़ी कंपनी से कराएंगे जांच

Gautam Adani के नेतृत्व वाले ग्रुप ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है, लेकिन निवेशक चिंतित हैं. पिछले तीन हफ्तों में ग्रुप की सात सूचीबद्ध सहायक कंपनियों के शेयरों के मार्केट कैप लगभग 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.

Adani Group ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों को खारिज करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म Grant Thornton को नियुक्त किया है, जिसने अपने स्टॉक और बॉन्ड को नुकसान पहुंचाया है. इस मामले से परिचित दो लोगों ने ईटी को बताया कि यह हायरिंग हिंडनबर्ग की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप द्वारा अपना बचाव करने का पहला बड़ा प्रयास है, जिसमें ऑफशोर टैक्स हेवन और स्टॉक मैनुपुलेशन के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया गया था.

120 अरब डॉलर का नुकसान

अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है, लेकिन निवेशक चिंतित हैं. पिछले तीन हफ्तों में ग्रुप की सात सूचीबद्ध सहायक कंपनियों के शेयरों के मार्केट कैप लगभग 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. अडानी ग्रुप समूह ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और आंतरिक नियंत्रण से संबंधित मुद्दों के स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है. उसके बाद ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की खबर पहली बार आई है.

इस बात की होगी जांच

सूत्रों ने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन को अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों का स्वतंत्र ऑडिट करने के लिए काम पर रखा गया है. सूत्र ने नाम बताने से इनकार किया है क्योंकि कंपनी की हायारिंग को काफी गोपनीय रखा गया है. ईटी रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार ग्रांट थॉर्नटन यह देखेगा कि अडानी ग्रुप में रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड का अनुपालन करते हैं या नहीं. ग्रांट थॉर्नटन और अडानी ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

लगातार बढ़ रहा है रेगुलेटर पर दबाव

अडानी ग्रुप ने सोमवार को निवेशकों को यह कहते हुए आश्वस्त करने की कोशिश की कि उसके पास मजबूत कैश फ्लो है, इसकी व्यावसायिक योजनाएं पूरी तरह से फुली फंडिड हैं और यह “शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए हमारे पोर्टफोलियो की निरंतर क्षमता में विश्वास है.” लेकिन रेगुलेटर का दबाव बढ़ रहा है. भारत के बाजार नियामक ने सोमवार को पुष्टि की कि वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच कर रहा है, साथ ही साथ रिपोर्ट प्रकाशित होने से पहले और बाद में बाजार गतिविधि की जांच कर रहा है.