आरामबाग लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: टीएमसी और बीजेपी के बीच मुकाबला, किसके नाम होगी जीत?

आरामबाग लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: टीएमसी और बीजेपी के बीच मुकाबला, किसके नाम होगी जीत?

साल 2009 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पश्चिम बंगाल की आरामबाग लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और टीएमसी के बीच मुकाबला है. देखना होगा जीत किसकी होती है. 2014 से इस सीट पर टीएमसी का कब्जा है.

पश्चिम बंगाल की आरामबाग लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर है. यहां पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई. इसमें कुल 82.62 फीसदी वोट पड़े. इस सीट पर मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं मिताली बाग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अरुप कांति दिगर के साथ रहा. हालांकि यहां पर सीपीआई ने भी विप्लव मोइत्रा को उतारा है.

साल 2019 में इस सीट पर कुल 83.44 फीसदी वोटिंग हुई थी. उस समय टीएमसी के टिकट पर अपरूपा पोद्दार महज 1,142 वोटों से चुनाव जीत पायीं थीं. उन्हें कुल 6 लाख 49 हजार 929 वोट मिले थे. वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी और बीजेपी के उम्मीदवार तपन कुमार रॉय को कुल 6 लाख 48 हजार 787 वोट मिले थे. इस चुनाव में सीपीआई (एम) के शक्ति मोहन मलिक 1 लाख वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

2014 में टीएमसी जीती थी

टीएमसी की अपरूपा पोद्दार (अफरीन अली) साल 2014 के चुनाव में भी इस सीट से जीत कर संसद पहुंची थीं. उस समय उन्हें कुल 7 लाख 48 हजार 764 वोट मिले थे और उन्होंने सीपीआई (एम) के शक्ति मोहन मलिक को 3 लाख 46 हजार वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में शक्ति मोहन मलिक को महज 4 लाख 1 हजार वोट मिले थे. इसी प्रकार बीजेपी के उम्मीदवार मधुसूदन बैग 1 लाख 58 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिले में स्थित इस लोकसभा क्षेत्र में कामारपुकुर स्थित मां काली का मंदिर है. यहीं पर श्री रामकृष्णदेव परमहंस का जन्म हुआ था. यहीं पर स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी और फिर यहीं से हिंदू धर्म का पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार किया था.

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित

आरामबाग संसदीय सीट को 2009 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया. इस सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. उस समय अखिल भारतीय फारवर्ड ब्लाक के अमियनाथ बोस यहां से सांसद चुने गए थे. इसके बाद भाकपा के मनोरंजन हाजरा 1971 में सांसद बने. 1977 में इस सीट पर जनता पार्टी के प्रफुल्ला चंद्र सेन जीते. और फिर 1980 के चुनाव में माकपा के बिजॉय कृष्ण मोदक यहां से सांसद चुने गए थे. माकपा के ही अनिल बसु 1984 से 2004 तक सभी 6 चुनाव जीत कर आरामबाग से सांसद रहे थे.

हालांकि 2009 के लोकसभा चुनावों में सीपीआई (एम) ने शक्ति मोहन मलिक को टिकट दिया और वह सांसद चुने गए. 2014 में यह सीट टीएमसी ने जीत ली और 2014 के बाद 2019 लगातार दोनों चुनाव जीत कर अपरुपा पोद्दार यहां से सांसद चुनी गईं.